उत्तराखंड विधानसभा: हंगामे के बीच अनुपूरक बजट सहित सभी नौ विधेयक पास, सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

भराड़ीसैंण, 20 अगस्त (हि.स.)। उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन बुधवार को विपक्ष के हंगामे के बीच 5315 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट सहित सभी नौ विधेयक पास हो गए। इसी के साथ सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।

बुधवार को विधानसभा में विपक्ष के भारी शोर-शराबे के बीच धर्मांतरण विधेयक को पारित करने के प्रस्ताव को धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने सदन के सम्मुख रखा, जिसपर सत्ता पक्ष के विधायकों ने अपने बहुमत के आधार पर विधेयक को पारित करवा लिया। संशोधित सख्त धर्मांतरण कानून के तहत जबरन धर्मांतरण पर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। हंगामे के बीच ही सदन में उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक भी सदन में पारित हुआ। अब सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक प्राधिकरण गठित होगा, जिससे मदरसों को भी मान्यता मिलेगी। इसके अलावा समान नागरिक संहिता संशोधन विधेयक भी सदन में पारित हुआ।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विपक्षी विधायकों के हंगामे पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विरोध करना अधिकार है, लेकिन सदन को प्रदेश और देश देखता है इसलिए व्यवहार कैसा होना चाहिए यह सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्र सुचारू चले यह प्रयास रहता है। दोनों दिन सत्र सुचारू नहीं चला। सदन जनता के लिए बना है और जनता के हित का विषय होना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधायकों से कई बार मिले और समझाए भी लेकिन वो नहीं माने।

उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि सरकार की मंशा सत्र चलाने की नहीं थी। लंबे समय बाद सत्र आहूत होता है और उसकी अवधि छोटी होती है। चार दिन का सत्र दो दिन में ही खत्म कर दिया गया। सरकार राज्य में अधिकांश अस्पताल पीपीपी मोड पर संचालित कर रही है। सारे विभाग के कार्य को निजी हाथों में दिया जा रहा है। सत्ता पक्ष का आरोप यह सरासर गलत है कि आपदा पर विपक्ष चर्चा नहीं करना चाहते थे। विपक्ष कानून के साथ आपदा पर चर्चा करने को तैयार था।

कृषि व कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आपदा पर चर्चा को लेकर सरकार तैयार थी। इनको (विपक्ष) लगता था आपदा पर चर्चा करेंगे तो फंस जाएंगे। विपक्ष ने सत्र को बाधित किया। प्रदेश की जनता ने इनको देखा है।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की मंशा सत्र चलाने की नहीं थी। कानून व्यवस्था और आपदा पर चर्चा होनी चाहिए थी। हम नियम के तहत चर्चा की मांग कर रहे थे। आनन-फानन में अनुपूरक बजट सहित सभी विधेयक पास किए गए।

ये विधेयक हुए पास:

- उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2025- उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025- उत्तराखंड साक्षी संरक्षण (निरसन) विधेयक 2025- उत्तराखंड समान नागरिकता (संशोधन) विधेयक- लोकतंत्र सेनानियों की सुविधाएं बढ़ाने से संबंधित विधेयक 2025- उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक- उत्तराखण्ड पंचायती राज (संशोधन) विधेयक 2025- उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश श्री बद्रीनाथ और श्री केदारनाथ मन्दिर अधिनियम, 1939) (संशोधन) विधेयक, 2025 - अनुपूरक विधेयक

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

   

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