वाराणसी : माघ पूर्णिमा स्नान पर्व पर गंगा किनारे रहेगा सुरक्षा का व्यापक प्रबंध
- Admin Admin
- Feb 11, 2025
![](/Content/PostImages/ef2e1950daa88740eb88d62e42304875_1718309504.jpg)
वाराणसी, 11 फरवरी (हि.स.)। माध पूर्णिमा पर बुधवार तड़के से ही श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाएंगे। महास्नान पर्व पर शहर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने सड़क से लेकर गंगाघाटों तक तैयारी की है। सुगम यातायात के लिए भी प्रशासन तैयार हैं । प्रयागराज महाकुंभ से भी शहर में लाखों श्रद्धालुओं के अनवरत आगमन को देख जिला प्रशासन ने रविदास जयंती पर निकलने वाले शोभायात्रा को लेकर आयोजकों की सहमति से सुगम यातायात के लिए योजना बनाई है। इसमें अब मैदागिन के बजाय जंगमबाड़ी से शोभायात्रा निकाली जाएगी।
मैदागिन मार्ग पर लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी देख अब यहां से सांकेतिक रूप से संत की प्रतिमा व फोटो के साथ रविदासी अनुयायी जंगमबाड़ी आएंगे। अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) डॉ. एस चनप्पा ने लंका थाने में जुलूस और शोभायात्रा से संबंधित समितियों को दिशा निर्देश दिया। समितियों ने भी शहर में महाजाम को देखते हुए निर्णय लिया कि शोभायात्रा शाम पांच बजे प्रारंभ होकर हर हाल में रात 10 बजे तक समाप्त हो जाएगा। पुलिस के साथ-साथ जुलूस में लगे वॉलंटियर्स भी इसमें पूरा सहयोग करेंगे। इस बार शोभायात्रा में हाथी, घोड़ा, ऊंट को नही शामिल किया जाएगा। जिला प्रशासन ने शोभायात्रा के निर्धारित रूट में कोई बदलाव का निर्देश नही दिया है। अपर पुलिस आयुक्त ने कहा कि जुलूस के दौरान तीर्थ-यात्रियों और मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े इसलिए ऐसा निर्णय लेना पड़ा है।
गौरतलब हो कि माघ पूर्णिमा की शुरूआत मंगलवार शाम 6.30 मिनट से हो रही है। ऐसे में उदयातिथि के मान के चलते स्नान पर्व बुधवार 12 फरवरी को मनाया जाएगा। इस बार माघी पूर्णिमा खास संयोग में है। इस बार स्नान पर्व पर सौभाग्य योग, शोभन योग, शिववास योग, गजकेसरी योग, त्रिग्रही योग भी है। स्नान-दान की सभी तिथियों में माघी पूर्णिमा को महापर्व कहा जाता है। स्नान पर्व पर यज्ञ, तप और दान का विशेष महत्व है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार माघ पूर्णिमा पर स्वयं भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं। उसके बाद जप और दान करते हैं, उन्हें सांसारिक बंधनों से मुक्ति के साथ अक्षय पुण्य मिलता है।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी