वाराणसी: गौरा और महादेव के गौने के लिए सजने लगी पालकी
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- Mar 04, 2025

—बाबा का राजसी वस्त्र विनोद मास्टर तैयार कर रहे,तीन पीढ़ियों से बाबा का वस्त्र टेलर मास्टर के परिवार ने बनाया
वाराणसी,04 मार्च (हि.स.)। धर्म नगरी काशी अपने आराध्य काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ के गौने रंगभरी (अमला) एकादशी की तैयारियों में पूरे उत्साह के साथ जुटी हुई है। बाबा के गौने में ही काशीवासी उनसे प्रतीक रूप से अबीर गुला चढ़ा होली खेलने की अनुमति मांगते है। बाजारों में होली का उत्साह दिखने लगा है। उधर,श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत के टेढ़ीनीम स्थित आवास पर गौना में प्रयोग होने वाली शतक पुरानी पालकी की साफ सफाई और मरम्मत का कार्य अन्तिम दौर में है।
इसी रजत पालकी में रंगभरी एकादशी पर बाबा विश्वनाथ, माता पार्वती संग प्रथमेश की चल प्रतिमा को सवार कराया जाएगा। महंत आवास में बाबा के पालकी को पप्पू सजा रहे है। वहीं, दशाश्वमेध में काशीपुराधिपति के राजसी वस्त्र विनोद मास्टर तैयार कर रहे हैं। यह दायित्व निभाने वाले पप्पू व टेलर मास्टर विनोद अपने परिवार की तीसरी व चौथे पीढ़ी के सदस्य हैं। पूर्व महंत स्व.कुलपति तिवारी के पुत्र वाचस्पति तिवारी ने बताया कि गौरा के गौना के लिए महा शिवरात्री के बाद महंत आवास गौरा-सदनिका में परिवर्तित हो जाता है। 7 मार्च को महंत आवास पर माता गौरा की प्रतिमा के पूजन के बाद गौना की हल्दी होगी। गौना के अवसर पर बाबा विश्वनाथ की प्रतिमा को परंपरागत खादी से बनी राजसी पोशाक धारण करेंगे। उन्होंने बताया कि गौरा के गौना में प्रयुक्त होने वाले सैकड़ों वर्ष प्राचीन रजत शिवाला और पालकी की सफाई का कार्य काशी के ही काष्ठ कलाकार पप्पू कर रहे है। रंगभरी एकादशी सोमवार के दिन परंपरानुसार यही रजत शिवाला श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में स्थापित कर काशी सप्तर्षि आरती होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी