
हकृवि में गुलाबी सुंडी के प्रबंधन के लिए प्री-सीजन
रिव्यू मीटिंग आयोजित
हिसार, 3 अप्रैल (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
के फ्लैचर भवन में बीटी कपास में गुलाबी सुंडी के प्रकोप एवं प्रबंधन विषय पर हितधारकों
की प्री-सीजन रिव्यू मीटिंग आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति
प्रो. बीआर कम्बोज ने की। इस मीटिंग में हरियाणा, पंजाब व राजस्थान के कृषि विश्वविद्यालयों
के वैज्ञानिकों, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों, कपास से जुड़ी बीज कंपनियों,
प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया व कपास की फसल की आगामी स्थिति पर मंत्रणा कर रणनीति
तैयार की।
कुलपति प्रो.बीआर कम्बोज ने गुरुवार काे कहा कि गत वर्ष सभी
के सहयोग से गुलाबी सुंडी के प्रकोप से कपास की फसल को बचाने में कामयाबी मिली। उन्होंने
बताया वर्ष 2023 के मुकाबले वर्ष 2024 में गुलाबी सुंडी का प्रकोप 76 प्रतिशत से घटकर
26 प्रतिशत रहा। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक समय-समय पर संयुक्त एडवाइजरी जारी करते
रहे हैं जिससे गुलाबी सुंडी के प्रकोप को कम करने में मदद मिली है। इस वर्ष भी एडवाइजरी
को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने के प्रयास किए जांएगे। कुलपति ने कहा कि किसान
नरमे की बन्छटियों को खेत में न रखें। अगर रखी हुई है तो बिजाई से पहले इन्हें अच्छे
ढंग से झाडक़र दूसरे स्थान पर रख दें और इनके अधखिले टिण्डों एवं सूखे कचरे को नष्ट
कर दें।
विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर
गर्ग ने कपास की फसल में गुलाबी सुंडी के प्रकोप पर अंकुश लगाने के लिए किए जा रहे
प्रबंधन एवं शोध कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कृषि एवं किसान कल्याण
विभाग के संयुक्त निदेशक (कपास) डॉ. आर.पी.सिहाग ने कपास की फसल को सुंडी के प्रकोप
से निजात दिलाने के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने
बताया कि विभाग द्वारा किसानों के खेतों में नरमा फसल में गुलाबी सुंडी के प्रकोप का
निरीक्षण करने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की डयूटी लगाई जाएगी।
पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना से डॉ.
विजय कुमार, एसके राजस्थान एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी बीकानेर से डॉ. एनके शर्मा, कॉटन
कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया से बृजेश कसना,सीआईसीआर सिरसा से डॉ. ऋषि कुमार, हरियाणा के कपास
उत्पादक जिलों के डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एग्रीकल्चर ने भी अपने सुझाव दिए। बैठक में राशी
सीड्स, अंकुर सीड्स, अजीत सीड्स, बायों सीड्स तथा रैलीस सीड्स के प्रतिनिधि भी शामिल
हुए और उन्होंने अपने सुझाव भी दिए। प्रदेश के कपास उत्पादक जिलों के प्रगतिशील किसानों
ने अपने अनुभवों को साझा किया। समीक्षा बैठक में मंच संचालन का कार्य सूत्रकृमि विभाग
के अध्यक्ष डॉ. अनिल वत्स ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर