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दुमका, 5 फ़रवरी (हि.स.)। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय कोरैया के ग्रामीणों ने रसोईया पर अनाज चोरी कर बिक्री करने का आरोप लगाते हुए गोविन्दपुर-साहिबगंज हाइवे को करीब एक घंटे तक जाम कर दिया।
ग्रामीणों ने रसोइया, वार्डेन एवं सुरक्षा प्रहरी पर कार्रवाई करने की मांग की। सड़क जाम की खबर मिलने पर मुफस्सिल थाना की पुलिस मौके पर पहुंचकर समझा-बुझाकर सड़क जाम को हटवाया। ग्रामीणों का कहना है कि कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के अनाज को रसोइया चोरी कर बेचने जा रही थी। रसोईया को चोरी के सामान के साथ रंगेहाथ पकड़ा गया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि चोरी में वार्डेन एवं गार्ड की भी संलिप्तता है। बिना दोनों की संलिप्तता से रसोइया सामान की चोरी कर बाहर ले जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगी। विद्यालय की बच्चियों को सहीं ढंग से भोजन और नाश्ता नहीं दिया जाता है। घर से दिए हुए नाश्ते को ही बच्चियां खाती हैं। भरपेट भोजन नहीं परोसा जाता है। सीसीटीवी कैमरा लगे रहने के बावजूद सामानों की बिक्री हो रही है। ग्रामीणों ने वार्डेन और अन्य पर कई तरह की अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है। मुफस्सिल थाना की पुलिस रसोइया स्वीटी देवी को पूछताछ के लिए थाने ले गयी है। समझाने-बुझाने के बाद ही ग्रामीणों ने सड़क जाम को हटाया।
इधर,घटना की खबर मिलने पर डीईओ भूतनाथ रजवार के निर्देश पर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी,सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय पहुंचे और पूरे मामले की जांच की। इन पदाधिकारियों के पहुंचने से पहले ही पुलिस स्वीटी तिवारी को साथ लेकर चली गई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम हटा दिया था। बाद में डीईओ ने स्वयं विद्यालय पहुंच कर सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच कर संबंधित ग्रामीणों से बातचीत की।
ग्रामीण राजकुमार मंडल, इंद्रकुमार मंडल ने रसोइया पर चावल, दाल, तेल आलू की चोरी कर ले जाने का आरोप लगाया। ग्रामीणों के अनुसार यह सामान करीब एक क्विंटल था। उन्होंने कहा कि झोले से आलू दाल आदि 20 किलो का सामान था। लेकिन सीसीटीवी फुटेज में यह बात सामने नहीं आई। रसोइया स्वीटी तिवारी को एक छोटा से थैले लेकर बाहर जाते जरूर देखा गया। लेकिन यह उतना भारी प्रतीत नहीं हो रहा था। वार्डन ने बताया कि रसोइया के पास जो सामान दिखाया गया है। वह उनके स्टोर का नहीं है। स्टोर का कोई सामान गायब नहीं है। यह बात उन्होंने पुलिस को भी लिख कर दी है। बच्चियों से पूछताछ करने पर भी पता चला कि किसी ने किसी प्रकार का सामान बाहर ले जाते नहीं देखा है। पूरी टीम ने कई घंटे तक विद्यालय में रहकर प्रत्येक बिंदु की जांच की।
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हिन्दुस्थान समाचार / नीरज कुमार