मतदाता पहचान पत्र नंबर दोहराव पर निर्वाचन आयोग के बयान के बाद डैमेज कंट्रोल में तृणमूल

कोलकाता, 03 मार्च (हि. स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप लगाने के बाद निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की ओर से आए स्पष्टीकरण के चलते तृणमूल कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। रविवार को ईसीआई ने एक बयान जारी कर ममता बनर्जी के उस आरोप को अप्रत्यक्ष रूप से खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने दो अलग-अलग राज्यों के मतदाताओं के एक ही ईपीआईसी नंबर (मतदाता पहचान पत्र नंबर) होने का दावा किया था।

ममता बनर्जी ने पिछले हफ्ते तृणमूल कांग्रेस की विस्तारित संगठनात्मक बैठक में आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बंगाल की मतदाता सूची में दूसरे राज्यों के लोगों के नाम जोड़े हैं। इसे साबित करने के लिए ममता ने दो अलग-अलग राज्यों के मतदाताओं के एक जैसे ईपीआईसी नंबर का उदाहरण भी पेश किया था।

इस पर निर्वाचन आयोग ने रविवार को बयान जारी कर साफ किया कि ईपीआईसी नंबरों में दोहराव का मतलब नकली या फर्जी मतदाता नहीं है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ मामलों में ईपीआईसी नंबरों में समान अल्फान्यूमेरिक सीरीज का इस्तेमाल दो अलग-अलग राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में हुआ है, जिससे यह स्थिति बनी।

ईसीआई के इस स्पष्टीकरण के बाद तृणमूल कांग्रेस ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया। पार्टी के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने आयोग के बयान को ममता बनर्जी के आरोपों की अप्रत्यक्ष पुष्टि बताते हुए पलटवार किया।

कुणाल घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के जरिए साजिश का पर्दाफाश करने के बाद अब आयोग खुद डैमेज कंट्रोल में लग गया है। एक ही मतदाता का नाम कई राज्यों में दर्ज होने की शिकायत सही साबित हुई है। आखिर यह स्थिति कैसे बनी, इसका जवाब अभी तक नहीं मिला है। अब जब सब कुछ उजागर हो गया है, तो आयोग कह रहा है कि वह कुछ कदम उठाएगा, लेकिन हम उनके शब्दों पर भरोसा नहीं करेंगे।

घोष ने आगे कहा कि पार्टी की नेता के निर्देश पर बूथवार और पते के अनुसार मतदाता सूची की गहन जांच पूरी ताकत के साथ जारी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया में आयोग को लेकर जो खबरें आ रही हैं, उनसे संतुष्ट होने की कोई वजह नहीं है और इसलिए हमारी जांच अपने तरीके से चलती रहेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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