गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार का बड़ा कदम, 13 विद्युत जलयान होंगे तैनात

कोलकाता, 20 नवंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल सरकार ने गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने और जल परिवहन को आधुनिक बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने 13 अत्याधुनिक विद्युत जलयानों के निर्माण और तैनाती की योजना बनाई है, जिसके लिए 300 करोड़ रुपये की लागत निर्धारित की गई है। इन जलयानों को बनाने का कार्य गार्डनरीच शिपयार्ड को सौंपा गया है।

सरकार ने घोषणा की है कि ये विद्युत जलयान पूरी तरह से वातानुकूलित और पर्यावरण के अनुकूल होंगे। 100 और 200 सीटों की क्षमता वाले इन जलयानों को अगले ढाई वर्षों में तैयार किया जाएगा। इनमें 200 सीटों वाले जलयान दो मंजिला होंगे, जो 30 मीटर लंबे और आठ-10 मीटर चौड़े होंगे। ये जलयान अधिकतम 12 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेंगे। वहीं, 100 सीटों वाले जलयान 25 मीटर लंबे और आठ मीटर चौड़े होंगे, जिनकी गति नौ किलोमीटर प्रति घंटे होगी। इन जलयानों को चार्ज करने के लिए 13 चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे, जिनमें से एक मिलेनियम पार्क में तैयार हो चुका है।

परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने इस अवसर पर कहा कि गंगा के आसपास जल परिवहन को पुनर्गठित करने का यह प्रयास पर्यावरण की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एक 200 सीटों वाला जलयान पहले ही तैयार हो चुका है, जो जल्द ही दक्षिणेश्वर और बेलूड़ मठ के बीच परिचालन शुरू करेगा। मंत्री ने इसे पश्चिम बंगाल के परिवहन क्षेत्र में एक नई क्रांति बताया और कहा कि यह परियोजना जल परिवहन के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का बेहतरीन उदाहरण बनेगी।

राज्य सरकार ने इस परियोजना को विश्व बैंक की मदद से लागू किया है, जिसका उद्देश्य कोलकाता और आसपास के जेटी घाटों के बीच प्रदूषण रहित परिवहन प्रणाली स्थापित करना है। सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से न केवल गंगा के प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा, बल्कि जल परिवहन को अधिक आकर्षक और सुविधाजनक भी बनाया जा सकेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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