जयपुर में भारतीय नववर्ष, नवरात्रि और चेटीचंड के आयोजनों की धूम

जयपुर, 30 मार्च (हि.स.)। भारतीय नववर्ष, चैत्र नवरात्रि और चेटीचंड महापर्व के अवसर पर जयपुर के प्रमुख मंदिरों में भक्तिमय आयोजन हो रहे हैं। श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिरों में उमड़ रहे हैं, जहां पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हो रहे हैं।

प्रसिद्ध मोती डूंगरी गणेश मंदिर में नववर्ष पर विशेष पूजा-अर्चना की गई। रविवार सुबह भगवान गणेश का पंचामृत अभिषेक किया गया और उन्हें नवीन पोशाक एवं स्वर्ण मुकुट धारण कराया गया। मंदिर महंत कैलाश शर्मा के अनुसार, इस विशेष अवसर पर भगवान को फूल बंगले में विराजमान किया गया और छप्पन भोग अर्पित किए गए। शाम 7 बजे मंदिर परिसर में भव्य आतिशबाजी का आयोजन होगा, साथ ही भक्तों के लिए विशेष दर्शन और पूजन की व्यवस्था की गई है।

माउंट आबू के प्रसिद्ध खोले के हनुमान मंदिर में चैत्र नवरात्रि के शुभारंभ पर कलश यात्रा निकाली गई, जिसके बाद घटस्थापना संपन्न हुई। नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि नव संवत्सर 2082 के आगमन पर वाल्मीकि रामायण के पाठ आरंभ किए गए। मंदिर में शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक 201 आसनों से 9 दिवसीय रामचरित मानस पाठ किया जाएगा। पहाड़ी पर स्थित वैष्णो माता मंदिर में भी घटस्थापना और दुर्गा सप्तशती पाठ आरंभ हुए हैं। मंदिर को विशेष सजावट और रोशनी से सुसज्जित किया गया है।

राजापार्क स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में रविवार सुबह 6:30 बजे विधिवत पूजा-पाठ के साथ घटस्थापना की गई। मंदिर समिति के अध्यक्ष राज भाटिया के अनुसार माता को प्रसाद अर्पित कर 8:15 बजे आरती के साथ पट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए। मंदिर में नवरात्रि के दौरान माता का सात बार विशेष श्रृंगार किया जाएगा, साथ ही हनुमान जी की प्रतिमा का भी विशेष श्रृंगार किया जाएगा। भक्तों को हलवा, चना और पूरी का प्रसाद वितरित किया जाएगा।

सिंधी समाज के आराध्य भगवान श्री झूलेलाल के जन्मोत्सव पर चेटीचंड महापर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। चेटीचंड सिंधी मेला समिति के अध्यक्ष दिलीप हरदासानी ने बताया कि शहर के झूलेलाल मंदिरों में भगवान का पंचामृत अभिषेक कर नवीन वस्त्र धारण कराए गए। मंदिरों के शिखर पर लाल रंग की धर्म ध्वजा फहराई गई। महिलाओं ने मीठे चावल और छोले का भोग अर्पित कर विश्व शांति और कल्याण के लिए प्रार्थना की। सिंधी शहनाई और ढोल की धुन पर पारंपरिक लोक नृत्य ‘छेज’ की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर शहर में विशाल शोभायात्रा भी निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

जयपुर के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। आमेर स्थित शिला माता मंदिर समेत अन्य देवी मंदिरों में घटस्थापना संपन्न हो चुकी है। इस बार नवरात्रि आठ दिन की होगी, जिसके दौरान विशेष अनुष्ठान और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है। भारतीय नववर्ष, नवरात्रि और चेटीचंड के इन पावन आयोजनों ने पूरे शहर को भक्तिमय माहौल में डुबो दिया है, जहां श्रद्धा, उल्लास और भक्ति का संगम देखने को मिल रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक

   

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