पश्चिम बंगाल में गिलेन-बारे सिंड्रोम का कोई खतरा नहीं: स्वास्थ्य विभाग
- Admin Admin
- Jan 28, 2025
कोलकाता, 28 जनवरी (हि.स.) ।
महाराष्ट्र में गिलेन-बारे सिंड्रोम (जीबीएस) से एक मौत और 110 संदिग्ध मामलों की खबरों के बीच पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में इस न्यूरोलॉजिकल बीमारी को लेकर घबराने की जरूरत नहीं होने की बात कही है।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने मंगलवार को अपने बयान में कहा कि गिलेन-बारे सिंड्रोम कोई नई बीमारी नहीं है और पहले भी इसके छिटपुट मामले सामने आते रहे हैं। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में दिसंबर 2024 के बाद से इस बीमारी का कोई नया मामला सामने नहीं आया है।
निगम ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी इस बात की पुष्टि की है कि राज्य में स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि यह बीमारी आमतौर पर 15 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। हालांकि, राज्य का स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
गिलेन-बारे सिंड्रोम एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली के कारण मांसपेशियों में तेजी से कमजोरी आ जाती है।
इसी बीच, महाराष्ट्र में इस बीमारी से पहली मौत दर्ज की गई। राज्य में अब तक गिलेन-बारे सिंड्रोम के 110 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 88 पुणे, 15 पिंपरी और सात अन्य जिलों से हैं। इन मामलों में 73 पुरुष और 37 महिलाएं शामिल हैं, जिनमें से 13 मरीज वेंटिलेटर पर हैं।