विधानसभा उपचुनाव : छ:  सीटों पर मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम

कोलकाता, 12 नवंबर (हि.स.) । पश्चिम बंगाल के छह विधानसभा क्षेत्रों में बुधवार को होने वाले उपचुनाव के लिए सख्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मतदान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की कड़ी निगरानी में और सौ प्रतिशत वेबकास्टिंग के तहत कराया जाएगा।

इन उपचुनावों में जिन छह विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होंगे उनमें कूचबिहार जिले का सिताई, अलीपुरद्वार का मदारीहाट, बांकुरा का तालडांगर, पश्चिम मेदिनीपुर का मेदिनीपुर और उत्तर 24 परगना जिले के हरोआ और नैहाटी शामिल हैं। इन सभी सीटों पर उपचुनाव इसलिए हो रहे हैं क्योंकि यहां के पूर्व विधायक इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए हैं। 2021 के विधानसभा चुनाव में, मदारीहाट को छोड़कर अन्य पांच सीटों पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी, जबकि मदारीहाट में भाजपा उम्मीदवार विजयी रहे थे।

इस बार के उपचुनावों के लिए 108 कंपनी सीएपीएफ की तैनाती की गई है, जो कि पहले तैनात की गई 89 कंपनियों से काफी अधिक है। तैनात बलों में 40 कंपनियां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), 29 कंपनियां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), 12 कंपनियां भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), 14 कंपनियां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और 13 कंपनियां सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) शामिल हैं।

इन सीटों के लिए मतगणना 23 नवंबर को होगी। इस बार उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, वाम मोर्चा और उसके सहयोगी तथा कांग्रेस के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा क्योंकि 2016 से वाम मोर्चा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे की व्यवस्था नहीं रही है। वाम मोर्चा ने सिताई, मदारीहाट, मेदिनीपुर और तालडांगर में उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि हरोआ सीट पर ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (एआईएसएफ) और नैहाटी में दीपांकर भट्टाचार्य के नेतृत्व वाले सीपीआई (एम-एल) को समर्थन दिया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विपक्षी दलों के बीच मतों के तीन-तरफा बंटवारे का लाभ तृणमूल कांग्रेस को मिल सकता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव प्रचार के अंतिम समय में कहा कि अगर उनकी पार्टी के उम्मीदवार सभी छह सीटों से जीतते हैं, तो इससे राज्य में विकास की गति बढ़ेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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