डायन के संदेह में तीन साल से तीन परिवार समाज से बहिष्कृत

कोकराझार, 25 सितंबर (हि.स.)। कोकराझार जिलांतर्गत गोसाईगांव उपमंडल के अलीनगर में डायन होने के अंधविश्वास के चलते तीन परिवारों को पिछले तीन वर्षों से स्थानीय समाज ने बहिष्कृत कर रखा है। गांव के कुछ लोगों ने इन तीन परिवाराें पर डायन हाेने का आरोप लगाते हुए उन्हें पूरे समाज से अलग-थलग कर दिया है। पीड़ितों ने इस संबंध में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट के पास शिकायत भी दर्ज कराई लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

गांवबूढ़ा निवासी गणेश सरेन के पिता की तीन वर्ष पहले किसी बीमारी के चलते मौत हो गई थी। इस मौत के बाद ही अंधविश्वास के वशीभूत होकर गांव की तीन महिलाओं को डायन बताकर उनको प्रताड़ित किया जाने लगा।

इसके बाद तीन परिवारों की तीनों महिलाओं पर डायन होने का आरोप लगाते हुए इन परिवारों को समाज से बाहर निकाल दिया गया। गणेश के परिवार के साथ ही अन्य ग्रामीणों ने तीनों परिवारों पर डायन होने का आरोप लगाकर उन्हें विभिन्न प्रकार से प्रताड़ित करते हुए परेशान कर उन्हें धमकी दी जा रही है। इतना ही नहीं गांव का कोई भी व्यक्ति उपरोक्त तीनों महिलाओं के घर जाने पर उसके विरुद्ध 500 रुपये का जुर्माने का भी प्रावधान कर दिया है।

पिछले तीन वर्षों से अकेले ये तीनों परिवार भय के साए में जीवन जी रहे हैं।

इस संबंध में पीड़ितों ने बीती 7 अगस्त को सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट के पास शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं इस बारे में कचुगांव थाना पुलिस का कहना है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

हालांकि, इस तरह के मामले जल्दी सामने नहीं आते हैं और ऐसी घटनाएं बेहद दूर-दराज के क्षेत्रों में होती हैं, जहां पर प्रशासन की पहुंच भी काफी सीमित होती है। गाैरतलब है कि पिछले दिनों कोकराझार में ही एक महिला की डायन के संदेह में हत्या हुई है।

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय

   

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