यमुनानगर: महिला सरपंच पंचायतों का निर्णय अपनी स्वस्तंत्रता से लें: रेणु भाटिया

यमुनानगर, 7 जनवरी (हि.स.)। हरियाणा राज्य महिला आयोग और मार्था फैरल फाउंडेशन के द्वारा यमुनानगर के अम्बेडकर भवन में महिला सरपंचों के साथ महिला सुरक्षा जागरूकता विषय पर एक संयुक्त कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने मुख्य अतिथि के रूप के शिरकत की।

मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने कार्यक्रम में आई हुई महिला सरपंचों को महिला आयोग की कार्यशैली के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि आयोग महिलाओं के साथ होने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ है और जो ऐसी हिंसा को करता है, आयोग उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करता है । उन्होंने सभी से आग्रह करते हुए कहा कि सरपंच होने के नाते यह उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने पंचायत में बाल विवाह को पूर्ण: रूप से रोके और इसके लिए लोगों को जागरूक करें।

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों राष्ट्रपति ने भी बहुत साफ संदेश दिया है कि सरपंच महिला पंचायतों में पुरुषों की किसी भी तरीके से दखलंदाजी नहीं होनी चाहिए। महिला सरपंच अपनी पंचायतों का निर्णय स्वतंत्रता से लें और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें।

मार्था फैरल फाउंडेशन से आई रिद्धिमा राठी ने लिंग आधारित हिंसा पर महिलाओं को स्वयं के लिए खड़े रहने और लडऩे के लिए प्रेरित किया । इसी संस्था से आए पीयूष पोद्दार ने कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के बारे में विस्तार से बताया और सरपंच होने के नाते महिला हितैषी पंचायत बनाने में ग्राम पंचायत विकास योजना का उपयोग किया जा सकता है। कार्यक्रम में यमुनानगर की पुलिस प्रोटेक्शन ऑफिसर अरविन्द्र कौर ने महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि सभी को घर से ही सुरक्षा की शुरुआत करनी है।

हिन्दुस्थान समाचार / अवतार सिंह चुग

   

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