यूपी की महिलाएं यूएन हाउस में बताएंगी जल जीवन मिशन से बदलाव की गाथा
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- Mar 06, 2025

दुनिया जानेगी की कैसे जल जीवन मिशन ने बदला बुंदेलखंड के लोगों का जीवन
लखनऊ,06 मार्च (हि.स.)। देश के अलग-अलग राज्यों के बाद अब दुनिया के दूसरे देश भी उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में जल जीवन मिशन के जरिए आए बदलाव को जानेंगे। जल जीवन मिशन के जरिए लोगों के जीवन को बदल रहीं पांच महिलाएं शुक्रवार को नई दिल्ली के यूएन हाउस में देश दुनिया के जल विशेषज्ञों के सामने प्रस्तुतीकरण देंगी। ये महिलाएं बताएंगी की कैसे जल जीवन मिशन के जरिए पहुंचे हर घर नल से शुद्ध जल ने बुंदेलखंड और पूरे उत्तर प्रदेश के ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाया है। साथ ही रोजगार के अवसर भी मुहैया कराया है।
नई दिल्ली के संयुक्त राष्ट्र संघ के ऑफिस में उत्तर प्रदेश की जिन पांच महिलाओं को आमंत्रित किया गया है, उनमें झांसी के बामेर गांव की भारती, इमिलिया गांव की रीना अहिरवार, रामप्यारी, बेबी और शीला शामिल हैं। इन सभी महिलाओं की कहानी महिला सशक्तिकरण की भी मिशाल है। कैसे इन्होंने अपने और अपने गांव के लोगों के जीवन को जल जीवन मिशन के जरिए बदला।
ये सभी महिलाएं जल जीवन मिशन के आने के बाद से फील्ड टेस्ट किट के जरिए पानी की जांच करती हैं। इसके लिए इन्हें प्रति जांच 20 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। यूएन हाउस में ये महिलाएं बताएंगी कि कैसे जल की जांच एफटीके के माध्यम से की जाती है। इसका लाइव डिमॉन्सट्रेशन भी देंगी। उल्लेखनीय है कि जल जीवन मिशन के जरिए ग्रामीण इलाकों में शुद्ध पेयजल पहुंचाकर बड़े पैमाने पर बीमारियों पर लगाम लगाने में सफलता मिली है।
अब तक 4.80 लाख महिलाओं को दी जा चुकी है ट्रेनिंग
प्रदेश में हर घर नल से पहुंचने वाले जल की जांच के लिए हर गांव में पांच महिलाओं को फील्ड टूल किट (एफटीके) जांच की ट्रेनिंग दी जाती है। जिससे महिलाएं अपने गांव में ही रहकर जल की गुणवत्ता की जांच कर सकें। पूरे प्रदेश में अब तक 4.80 लाख महिलाओं को फील्ड टेस्ट किट की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। पानी की जांच के लिए महिलाओं को किट मुहैया कराई जाती है।
हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला