हर क्षेत्र में वर्चस्व स्थापित कर रही नारी शक्ति : डॉ. अर्चना सिंह

लखनऊ, 29 सितम्बर(हि.स.)। उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान एवं शिया पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज के हिन्दी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय विकास में स्त्रियों का योगदान विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। शिया कॉलेज के हिंदी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर एवं संगोष्ठी की संयोजक डॉ.अर्चना सिंह ने आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान में नारी शक्ति प्रत्येक क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित करती मिल रही है। शिक्षा एवं आर्थिक स्वतंत्रता ने महिलाओं में नवीन चेतना भर दी है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका में वृद्धि हो रही है।

कार्यक्रम का शुभारंभ बैचलर आफ आर्ट के पंचम सेमेस्टर की छात्रा शमा परवीन के द्वारा तिलावते कुरान से हुई। इसके बाद विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रश्मि शील ने कहा कि महिलाएँ राजनीति, बिज़नेस, कला तथा खेल सहित रक्षा क्षेत्र में भी नए आयाम गढ रही हैं। महिलाओं की भूमिका से ही हर क्षेत्र तेज गति से प्रगति कर रहा है। महिलाओं की सूझबूझ से सरकारी, गैर सरकारी योजनाएं मूर्तरूप ले रही हैं। हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी बुद्धिमत्ता से स्थान प्राप्त किया है।

लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी तथा आधुनिक भारतीय भाषा विभाग से सेवानिवृत्त प्रोफेसर एवं मुख्य अतिथि डॉ.हरि शंकर मिश्र ने राष्ट्रीय विकास में स्त्रियों के योगदान के विषय में विस्तार से बताते हुए कहा कि स्त्रियाँ देश के हर क्षेत्र में अपने महत्व को बता रही है। किसी संस्कृति को अगर समझना है तो सबसे आसान तरीका है कि उस संस्कृति में नारी के हालात को समझने की कोशिश की जाए।

उन्होंने कहा कि किसी भी देश के विकास संबंधी सूचकांक को निर्धारित करने के लिए उद्योग, व्यापार, खाद्यान्न उपलब्धता, शिक्षा इत्यादि के स्तर के साथ ही इस देश की महिलाओं की स्थिति का भी अध्ययन किया जाता है। नारी की सुदृढ़ एवं सम्मानजनक स्थिति एक उन्नत, समृद्ध तथा मज़बूत समाज की द्योतक है।

संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि घर, परिवार, समाज एवं राष्ट्र के निर्माण में स्त्रियों की भूमिका है। संगोष्ठी में शिया महाविद्यालय के सम्पत्ति अधिकारी डॉ. ऐजाज़ अतहर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने भी राष्ट्र के विकास के लिए महिलाओं की शिक्षा पर पुरजोर बल दिया। कार्यक्रम में आखिर में शिया काॅलेज के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एस.एस.एच. आमिल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र

   

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