बांग्लादेश के जिहादियों के खिलाफ काशी की मुस्लिम महिलाओं ने किया मार्च,प्रदर्शन

वाराणसी, 11 अगस्त (हि.स.)। बांग्लादेश के कट्टरपंथी जिहादियों के खिलाफ काशी में मुस्लिम महिलाओं ने मोर्चा खोल लिया है। मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान के बैनर तले लमही स्थित सुभाष भवन के पास जुटी महिलाओं ने कट्टरपंथी जिहादियों के खिलाफ नारेबाजी की। ड्रम बजाकर दुनियाभर की बहरी सरकारों को बांग्लादेश में महिलाओं की चीत्कार को सुनाने का प्रयास किया ।

सुभाष भवन से प्रेमचन्द स्मृति द्वार तक सुरक्षा मार्च निकाल कर जिहादियों को लताड़ लगाई। महिलाओं ने कहा कि बांग्लादेश में कोई आंदोलन नहीं, बल्कि महिलाओं, बच्चों और हिन्दुओं के संहार की साजिश है। 124 जिहादियों द्वारा एक महिला के साथ बलात्कार, बच्चों की हत्या कर लाश को लटकाना, मंदिरों को जला देना और हिन्दुओं का संहार भारत के लिए चिंता और चेतावनी का सबक है।

अपने ही देश की महिला प्रधानमंत्री शेख हसीना के अंतःवस्त्र को लहराकर पूरी दुनिया की महिलाओं को इन जिहादियों ने शर्मसार किया है। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने हाथों में तख्तियां लेकर दुनिया की सरकार से सवाल पूछे - महिला प्रधानमंत्री का अंतःवस्त्र लहराकर कौन सी क्रांति किये हो ? 124 बांग्लादेशी जिहादियों का एक महिला से बलात्कार, ये कौन सी क्रांति है सरकार ? मंदिरों को जलाना, बच्चों की लाश को लटकाना और हिन्दुओं का संहार, ये कैसी क्रांति है ? । महिला प्रधानमंत्री की इज्जत खुलेआम की नीलाम, ये जमातियों को कैसा काम ?। जमात-ए-इस्लामी के जिहादियों के आतंक ने बांग्लादेशी हिन्दुओं की बच्चियों और महिलाओं को जीने लायक नहीं छोड़ा। खूनी हिंसा और महिलाओं से सामूहिक बलात्कार यही जिहादियों का चरित्र है।

संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव ने कहा कि ये राजनीतिक मसला नहीं है। पूरी दुनिया की महिलाओं को जिहादियों की खुली चुनौती है। सामूहिक बलात्कार इनके चरित्र का हिस्सा है। जो अपने देश के महिला प्रधानमंत्री के अंतःवस्त्र लहराकर जीत का जश्न मना सकते हैं वो किसी भी महिला को नहीं छोड़ेंगे। दुनिया के देश एक जुट हों और अपने देश से जिहादियों को बाहर निकालने और उनके अस्तित्व को खत्म करने की योजना बनाएं, नहीं तो वाकई यह दुनियां महिलाओं के रहने लायक नहीं रह जायेगी।

मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाज़नीन अंसारी ने कहा कि जिहादी हर देश में हैं और वहां इस्लामी कानून लाकर महिलाओं को सेक्स गुलाम बनाना चाहते हैं। अपने नाजायज कामों और छोटी बच्चियों के साथ यौन हिंसा को जायज ठहराने की आदत है। महिलाओं और बच्चों को बचाने के लिये सभी देश धार्मिक जिहादियों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाकर कठोर दण्ड दें।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी / बृजनंदन यादव

   

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