लंबे इंतजार के बाद शुरू हुई अग्रोहा टीले की खुदाई

पुरातत्व विभाग की उप निदेशक बनानी भट्टाचार्य कर रही देखरेख

हिसार, 15 मार्च (हि.स.)। लंबे इंतजार व वर्षों की मांग के बाद जिले के अग्रोहा

में स्थित टीले की खुदाई शुरू हो गई है। पुरातत्व विभाग हरियाणा की उप निदेशक बनानी

भट्टाचार्य के नेतृत्व में शुरू हुई यह खुदाई का कार्य छोटे क्षेत्र में शुरू किया

गया है। जीपीआर सर्वे के अनुसार यह काम धीमी गति से किया जा रहा है। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खुदाई से निकलने वाली सामग्री जैसे

कंकर, पत्थर और मिट्टी को अलग-अलग संग्रहित किया जा रहा है। इन नमूनों का कार्बन डेटिंग

के लिए उपयोग किया जाएगा। सरकार इस स्थल को राखीगढ़ी की तर्ज पर विकसित करने की योजना

बना रही है। राखीगढ़ी में पहले से ही पुरानी सभ्यता के संरक्षण का काम चल रहा है। साथ

ही सरस्वती काल की सभ्यता के अवशेषों को भी सुरक्षित रखने के प्रयास किए जा रहे हैं।

अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल शरण गर्ग के अनुसार,

महाराजा अग्रसेन का शासन 500 वर्गमील क्षेत्र में फैला था। विष्णु पुराण, लक्ष्मी पुराण

और अग्रभागवत पुराण में अग्रोहा का उल्लेख मिलता है। प्राचीन काल में इसे अग्रोदक के

नाम से जाना जाता था। खुदाई के दौरान सभी यह देखकर हैरान रह गए कि वहां एक फीट लंबा लाल रंग का सांप

निकला, जिसे कामगारों ने सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार

खजाने की रक्षा नाग देवता करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लगभग 15 मीटर की खुदाई

के बाद प्राचीन इमारतें और बहुमूल्य पुरातात्विक सामग्री मिल सकती है। फिलहाल ऊपरी

सतह की सफाई का काम चल रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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