सिरसा: युवाओं के लिए रोजगार का मतलब सरकारी नौकरी नहीं होना चाहिए:राजेश बांसल

सिरसा, 16 मार्च (हि.स.)। चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के कुलसचिव डा. राजेश बांसल ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार का मतलब सरकारी नौकरी नहीं होना चाहिए, जोकि 2 से 3 प्रतिशत है। इसलिए रोजगार अर्थात आजीविका कमाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। डा. राजेश बांसल रविवार को विवेकानंद स्कूल में इतिहास संकलन समिति सिरसा द्वारा आयोजित युवाओं को रोजगार अवसर एवं चुनौतियां विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि युवाओ को समस्याओं को हल करने की तकनीक को सीखने के लिए टीम वर्क में काम करना चाहिए और सूचनाओं का वर्गीकरण करके उनका सदुपयोग करना करना चाहिए। उन्होंने युवाओं को सफलता प्राप्त करने के लिए तीन मंत्र बताए, जिनमें पहला माइंड सेट, अर्थात किसी भी काम को करने से पहले उस कार्य के बारे में भली प्रकार से विचार करना। दूसरा है कठिन परिश्रम अर्थात विचार के अनुरूप कार्य करना। तीसरा है तरीका अर्थात काम करने का ढंग, जिससे निसंदेह कार्य में सफलता प्राप्त हो।

डा. बांसल ने बताया कि अधिकांश धारणा ये है कि रोजगार का मतलब सरकारी नौकरी है जोकि बहुत ही कम 2 से 3 प्रतिशत है। युवा सराकरी नौकरी की बजाए रोजगार अर्थात आजीविका कमाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों जाएं, जहां युवा वर्ग सही मार्गदर्शन प्राप्त कर सकारात्मक रूप से परिणाम प्राप्त कर सकता है। इसके लिए रचनात्मक तरीके से अपडेट रहने से सफलता की अधिक संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि हर काम को अपना समझकर शत-प्रतिशत देने का प्रयास करें।

इस मौके पर जिलाध्यक्ष रमेश जींदगर ने बताया कि युवाओं में इतिहास के प्रति रूचि पैदा करना व इतिहास की पूरी प्रमाणिक जानकारी देना संस्था का उद्देश्य है। वर्तमान में संस्था के 152 सदस्य है, जो हरियाणा प्रांत में किसी भी शाखा के सबसे अधिक है। उन्होंने बताया कि इतिहास संकलन समिति युवाओं को पुरातन इतिहास के बारे में बारीकि से जानकारी उपलब्ध करवाने का काम कर रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Kumar

   

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