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गोपेश्वर, 18 फरवरी (हि.स.)। समान नागरिक संहिता (युसीसी) को लेकर मंगलवार को चमोली जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरानअधिकारियों को युसीसी के प्रावधानों को गंभीरता से समझने और नियमों का क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए।
इस दौरान अपर जिलाधिकारी/यूसीसी के नोडल अधिकारी विवेक प्रकाश ने कहा कि 27 जनवरी से प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू हो गए है। यूसीसी में सभी धर्म, समुदाय के सामाजिक अधिकारों में सामंजस्य स्थापित करते हुए उनमें एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है।
सहायक अभियोग अधिकारी मनमोहन ने समान नागरिक संहिता में विवाह, विवाह विच्छेद, सहवासी संबंध के पंजीकरण की अनिवार्यता और उसकी प्रक्रिया पर जानकारी दी। साथ ही यूसीसी के विधिक प्रावधानों के उल्लंघन के दण्डात्मक परिणामों के बारे में बताया।
उन्होंने बताया कि 26 मार्च 2010 के बाद हुए विवाह का पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण ऑफलाइन या पोर्टल/सीएससी के माध्यम से किया जा सकता है। सामान्य सेवा के तहत फीस 250 तत्काल सेवा में 2500 रखी गई है। निर्धारित समय अवधि के पश्चात विलम्ब शुल्क लगेगा।
जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) मनोज भट्ट ने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में अधिशासी अधिकारी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सब रजिस्ट्रार होंगे, सब रजिस्ट्रार विवाह पंजीकरण का आवेदन प्राप्त कर सकते हैं। सब रजिस्ट्रार आवेदन प्राप्त होने के 15 दिनों के अन्दर विवाह का पंजीकरण या आवेदन अस्वीकृति आदेश जारी कर सकता है। त्वरित सेवा में यह समय सीमा तीन दिन होगी।
इस मौके पर जिला शासकीय अधिवक्ता हरिकृष्ण काण्डपाल, एसीएमओ एमएस खाती, सीडीपीओ एमके सिंह सहित सभी विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। साथ ही तहसील कार्यालयों से भी अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / जगदीश पोखरियाल