सुनने की क्षमता को प्रभावित करते है इयरफोन व हैडफोन: डॉ. शर्मा

जोधपुर, 03 मार्च (हि.स.)। जीत मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में विश्व श्रवण दिवस 2025 पर एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें वरिष्ठ ईएनटी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रतीक शर्मा ने श्रवण शक्ति में होने वाली कमी के कारणों और बचाव के प्रति जागरूक किया।

कार्यशाला की थीम मानसिकता बदलें: कान और सुनने की देखभाल को सभी के लिए बनाएं सशक्त वास्तविकता थी। इस अवसर पर मौजूद मरीज, उनके परिजनों और अन्य गणमान्य लोगों को संबोधित करते हुए डॉ शर्मा ने कहा कि एक महत्वपूर्ण लेकिन अक्सर अनदेखा किया जाने वाला स्वास्थ्य मुद्दा है इयरफोन और हेडफोन के उपयोग से जुड़ी सुनने की क्षमता में कमी, जो विशेष रूप से युवा आयु वर्ग को प्रभावित करती है। उन्होंने बताया कि हाल के अध्ययनों से पता चला है कि व्यक्तिगत ऑडियो उपकरणों के माध्यम से तेज संगीत और अन्य ध्वनियों के लंबे समय तक और अत्यधिक संपर्क से अपरिवर्तनीय श्रवण क्षति हो सकती है।

यह युवा आबादी के लिए विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि असुरक्षित सुनने की आदतों के कारण वे अधिक जोखिम में हैं। विशेष रूप से बच्चे और युवा जो इयरफोन हेडफोन ईयर प्लग के लंबे समय तक उपयोग करते हैं वह यदि इयरफोन, हेडफोन, ईयर प्लग का असुरक्षित उपयोग लंबे समय तक और लगातार करते हैं, ता उनकीे सुनने की तीक्ष्णता में स्थायी बदलाव हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप स्थायी रूप से उनकी सुनने की क्षमता में कमी आ सकती है।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

   

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