बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वसनीयता विषय पर कार्यशाला आयोजित

कार्यक्रम में शामिल लोग

रामगढ़, 17 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को सूचना भवन में जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ प्रभात शंकर की अध्यक्षता में एक विशेष कार्यक्रम एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य पत्रकारिता की जिम्मेदारियों, बदलते मीडिया परिदृश्य और भ्रामक सूचनाओं के बढ़ते प्रभाव के बीच प्रेस की विश्वसनीयता को बनाए रखने के उपायों पर चर्चा करना था।

इस अवसर पर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ प्रभात शंकर, मीडिया प्रतिनिधि मनोज मिश्रा, उमेश सिन्हा, नंदकिशोर अग्रवाल, धर्मेंद्र पटेल, स्वामी नंदन, दूर्वेज आलम, बीरू कुमार, राजेश राय सहित विभिन्न मीडिया प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने कहा कि

राष्ट्रीय प्रेस दिवस न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रतीक है, बल्कि यह पत्रकारों को सत्य, निष्पक्षता और जन-सरोकार आधारित पत्रकारिता के प्रति पुनः संकल्पित होने का अवसर भी प्रदान करता है।

वक्ताओं ने कहा कि आज के डिजिटल युग में फेक न्यूज़, गलत सूचनाओं और अधूरी जानकारियों की चुनौती लगातार बढ़ रही है। ऐसे समय में जिम्मेदार, तथ्य-आधारित और पारदर्शी पत्रकारिता की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। प्रेस की विश्वसनीयता तभी बनी रहेगी, जब सूचना संकलन से लेकर प्रकाशन तक प्रत्येक चरण में सत्यता और नैतिकता सर्वोपरि रहे। प्रशासन और मीडिया के बीच समन्वय जनता को सही और प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कार्यक्रम में मीडिया संस्थानों के पत्रकारों ने सूचनाओं की जांच-परख, स्रोतों की विश्वसनीयता, डिजिटल मीडिया की चुनौतियां और जनहितकारी पत्रकारिता के महत्व पर अपनी बात साझा की। इसके साथ ही प्रेस परिषद की ओर से जारी दिशा निर्देशों, मीडिया नैतिकता और तथ्य-परक रिपोर्टिंग पर भी चर्चा की गई।

कार्यशाला के दौरान जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने सच्ची पत्रकारिता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी पत्रकारों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।

मौके पर उपस्थित सभी अधिकारियों, मीडिया प्रतिनिधियों और अतिथियों ने मौन रखकर दिवंगत पत्रकारों को नमन किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश

   

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