हिसार : मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) से एमए हिंदी को यूजीसी (डैब) से मिली स्वीकृति

हिसार, 11 अक्टूबर (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सैंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन के तहत वर्तमान सत्र 2024 से मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) से एमए हिंदी को यूजीसी (डैब) से स्वीकृति मिल गई है। अब विद्यार्थी दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से एमए हिंदी करने का सुअवसर प्राप्त कर सकते हैं।

ओडीएल के निदेशक प्रो. खजान सिंह शुक्रवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई से मिले व उन्हें स्वीकृति पत्र सौंपा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर व कार्यक्रम की समन्वयक डा. गीतू धवन उपस्थित रहे।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने दाखिला ब्रोशर जारी किया तथा सैंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन के निदेशक प्रो. खजान सिंह सहित पूरे विभाग को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यूजीसी डैब के सभी नियमों और मापदंडों को पूरा करने के उपरांत ही यह स्वीकृति मिली है। प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थी घर बैठे या अपने काम के साथ-साथ अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है। विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से इस कोर्स के शुरू होने से हिसार व आसपास के क्षेत्र के विद्यार्थियों को काफी फायदा मिलेगा।

कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने भी इस उपलब्धि के लिए सैंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन की पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि एमए हिंदी में दाखिला पाने के इच्छुक विद्यार्थी इससे लाभान्वित होंगे। निदेशक प्रो. खजान सिंह ने बताया कि मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) प्रणाली एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें शिक्षकों और विद्यार्थियों को एक ही स्थान पर एक ही समय पर उपस्थित होना आवश्यक नहीं होता है। यहां शिक्षा एवं शिक्षण की गुणवत्ता को बनाए रखते हुए सीखने की पद्धति द्वारा शिक्षा को पूरे मापदंडों के अनुसार शिक्षा प्रदान की जाती है। कार्यक्रम की समन्वयक डा. गीतू धवन ने बताया कि हिंदी के प्रचार-प्रसार को देखते हुए और भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न प्रकल्पों एवं देश-विदेश में हिंदी भाषा की मांग को देखते हुए दूरस्थ शिक्षा प्रणाली द्वारा एमए हिंदी करने का यह सुअवसर दिया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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