राजौरी में बढ़ईगीरी प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाया

जम्मू, 6 जनवरी (हि.स.)। पीर पंजाल के दक्षिण में सुदूर क्षेत्र में भारतीय सेना की कौशल विकास पहल युवाओं को बढ़ईगीरी कौशल से लैस करके जीवन बदल रही है। राजौरी के परात में एक समर्पित प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और वंचित समुदायों के बीच रोजगार क्षमता को बढ़ाना है। विशेषज्ञ प्रशिक्षकों और फर्नीचर बनाने, लकड़ी की कारीगरी और औजारों को संभालने वाले पाठ्यक्रम के साथ यह पाठ्यक्रम पारंपरिक शिल्प कौशल को आधुनिक तकनीकों के साथ सहजता से जोड़ता है। प्रतिभागियों को टूलकिट और प्रमाण पत्र भी दिए जाते हैं जिससे वे रोजगार पाने या अपना उद्यम शुरू करने में सक्षम होते हैं।

इस पहल को लाभार्थियों से अपार सराहना मिली है जिन्होंने आय-सृजन के नए अवसर पैदा करने में इसकी भूमिका की सराहना की है। यह प्रयास बेरोजगारी और सीमित संसाधनों जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक उत्थान के भारतीय सेना के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है। इस कार्यक्रम को अन्य व्यवसायों में भी विस्तारित करने की योजना पर काम चल रहा है जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और सामुदायिक विकास के प्रति सेना की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा

   

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