चार दिवसीय युवास्केप का शुभारंभ, हेरिटेज निगम महापौर ने किया उद्घाटन

जयपुर, 2 मार्च (हि.स.)। डब्ल्यूआरआई इंडिया और मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से शनिवार को चार दिवसीय किशोर-केंद्रित उत्सव युवास्केप 2025 का उद्घाटन हेरिटेज निगम महापौर कुसुम यादव ने किया। आमेर रोड स्थित भोमिया बस्ती सामुदायिक पार्क में हो रहे इस आयोजन में शहर के युवाओं के लिए रोजगार और उनकी स्किल्स डेवलप करने में सहयोग किया जाएगा और कला व प्रदर्शन के माध्यम से स्थानीय सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा दिया जाएगा।

कार्यक्रम के शुभारंभ कर हेरिटेज निगम महापौर कुसुम यादव ने कहा कि जब मैं आई, तो एक युवा किशोरी ने मुझे पार्क के विभिन्न हिस्सों के बारे में बताया, और मैं इसकी सराहना करती हूं कि हर स्थान को युवाओं की इच्छाओं के आधार पर डिज़ाइन किया गया है, चाहे वह चलने के रास्ते और बैठने की जगहें बनाना हो, या सेल्फी पॉइंट। इस कार्यक्रम के माध्यम से, किशोर और किशोरी एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नवीन विचार प्रस्तुत कर रहे हैं। मैं देखती हूं कि आज पार्क में कई माताएं और बेटियां हमारे साथ हैं। मेरी राय में जब महिलाएं किसी पहल का हिस्सा होती हैं, तो यह सफल होने के लिए बाध्य है। शहर के अन्य हिस्सों में सार्वजनिक स्थानों के विकास के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि नगर निगम हेरिटेज स्थायी, दीर्घकालिक समाधानों को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग देगा।

इस अवसर पर वार्ड पार्षद भूपेंद्र कुमार मीणा ने कहा कि करीब आठ दिन पहले इस पार्क की छवि बहुत अलग थी। मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन ने बहुत बदलाव लाए हैं। यह आपका स्थान है, आपका घर है, आपका भविष्य है। भोमिया बस्ती पार्क अब एक आदर्श सार्वजनिक स्थान का लाइव-स्केल मॉडल के रूप में बनेगा।

डब्ल्यूआरआई इंडिया की एसोसिएट डायरेक्टर, अर्बन डेवलपमेंट प्रेरणा विजय कुमार मेहता ने कहा कि संस्था ने जयपुर और भुबनेश्वर के 800 से अधिक किशोर और किशोरियों के साथ मिलकर पब्लिक स्पेस असेसमेंट फ्रेमवर्क विकसित किया है। पब्लिक स्पेस असेसमेंट फ्रेमवर्क किशोरों को उनके पर्यावरण के बारे में जानकारी उत्पन्न करने में सक्रिय एजेंट बनने की अनुमति देता है।

प्रोग्राम्स एंड इंस्टीट्यूशनल पार्टनरशिप्स, मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन की जोया सिद्दीकी ने कहा कि टैक्टिकल अर्बनिज्म पहलों से यह प्रदर्शित होता है कि एक स्थान को न केवल डिजाइन के माध्यम से, बल्कि समुदायों को अपने परिवेश की पुनर्कल्पना करने के लिए सशक्त बनाकर और समुदाय के साथ गहरा जुड़ाव विकसित करके बदला जा सकता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश

   

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