सपा नेता अबू आसिम आजमी के निलंबन को लेकर सत्तापक्ष आक्रामक, दोनों सदन स्थगित

मुंबई, 04 मार्च (हि.स.)। समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आसिम आज़मी के औरंगजेब समर्थक बयान पर मंगलवार को विधानभवन में सत्तापक्ष के विधायकों ने आक्रामक होकर उनके निलंबन की मांग की। हंगामे को देखते हुए विधानमंडल के दोनों सदनों का कामकाज पूरे दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद इस मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, विधानपरिषद के सभापति राम शिंदे, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्र शेखर बावनकुले ने बैठक की है।

विधानसभा का कामकाज शुरू होते ही उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सभागृह में अबू आसिम के निलंबन की मांग जोरदार तरीके से उठाई। शिंदे ने कहा कि अबू आज़मी पहले भी छत्रपति शिवाजी महाराज के खिलाफ बयान दे चुके हैं। आज़मी जानबूझकर और बार-बार छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी राजे का अपमान करते हैं। छावा फिल्म में राजा संभाजी महाराज की बहादुरी और औरंगजेब की क्रूरता को दर्शाया गया है। अबू आज़मी क्रूर औरंगजेब को एक कुशल प्रशासक कहते हैं, लेकिन उसने कई मंदिरों को नष्ट कर दिया। महाराजा ने कल्याण के सूबेदार की पुत्रवधू को साड़ी और चोली देकर सम्मानित किया था।

शिंदे ने मांग की कि उन्हें बर्खास्त किया जाए और कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके बाद सत्तापक्ष के विधायक आक्रामक होकर अबू आसिम आजमी के निलंबन की मांग करने लगे। विपक्षी विधायक भी सत्तापक्ष की मांग का समर्थन कर रहे थे, जिससे सभागृह का कामकाज संभव नहीं है। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष ने सभागृह का कामकाज पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।

इसी तरह विधानपरिषद का कामकाज शुरू होते ही मंत्री उदय सामंत ने अबू आसिम का विधायक पद से बर्खास्त किए जाने की मांग की। उदय सामंत ने कहा कि आजमी के औरंगजेब समर्थक व्यक्तव्य से हिंदू भावनाएं आहत हुई हैं। इसलिए अबू आसिम आजमी पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके बाद विधान परिषद में सत्तापक्ष के विधायक आक्रामक होकर नारेबाजी करने लगे। विपक्षी विधायकों ने भी सत्तापक्ष की मांग का समर्थन किया। सदन में हो रहे शोर- शराबे की वजह से सभापति राम शिंदे ने सदन कामकाज पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव

   

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