महाराष्ट्र में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए शुरू हुई 'वोट जिहाद' की तैयारी, इस काम में जुटे कई मुस्लिम एनजीओ  

महाराष्‍ट्र में इस तरह मुसलमानों को भड़काया जा रहा भाजपा के खिलाफमहाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में वोट जिहाद की तैयारी

भाेपाल, 09 नवंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बुरी तरह से हारें, सभी मुसलमानों के वोट एक मुश्त भाजपा के विरोध में पड़ें, इसके लिए महाराष्ट्र में वोट जिहाद के लिए माहौल तैयार करने की शुरूआत कर दी गई है। पूरे महाराष्ट्र में इस तरह की 400 से ज्यादा स्वयंसेवी संस्थाएं दिन-रात चुनाव में 'वोट जिहाद' के माध्यम से सत्ता में बड़ा फेरबदल करने के काम में लग गई हैं। सिर्फ मुंबई में ही 180 स्वयंसेवी संस्थाओं ने नौ लाख मुस्लिम मतदाताओं को जोड़कर वोटिंग टर्नआउट बढ़ाने का काम पूरा कर लिया है।

ये एनजीओ मुस्लिम समुदाय के बीच जाकर भाजपा के विरोध में 'वोट जिहाद' करने के लिए उन्हें विभिन्न मुद्दों के जरिए समझा रही हैं। वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) को समर्थन देने का ऐलान करते हुए मुस्लिमों से एकमुश्त महा अघाड़ी को वोट देने को कहा है। साथ ही इस संबंध में उलेमा बोर्ड ने शरद पवार, उद्धव ठाकरे और नाना पटोले को पत्र लिखा है। महाराष्ट्र में मस्जिदों से भी भाजपा को हराने की अपील की जा रही है।

दरअसल, इस संबंध में सोशल मीडिया पर वायरल हुए कई वीडियो बता रहे हैं कि कैसे मुस्लिमों को भाजपा के खिलाफ भड़काया जा रहा है। हर बार की तरह, इस बार भी मजहबी उलेमा इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जो अपने अनुयायियों को विशिष्ट उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने की सलाह दे रहे हैं। इस संबंध में 'मराठी मुस्लिम सेवा संघ' के सामने आए पत्र ने सभी को चौंकाया है। यहां मराठी मुस्लिम सेवा संघ के पत्र में मुसलमानों से अपील करते हुए पूछा जा रहा है कि क्या आप सैकड़ों बेगुनाह मुसलमानों की लिंचिंग करवाने वालों को वोट करोगे? क्या आप मुसलमानों से अलीगढ़ छीनने वालों को वोट करोगे? क्या आप मुसलमानों पर समान नागरिक संहिता थोपने वालों को वोट करोगे? क्या आप मदरसों को खत्म करने का इरादा रखने वालों को वोट करोगे? क्या आप वक्फ के खिलाफ वालों को वोट करोगे? क्या आप हम पर सीएए, एनआरसी थोपने वालों को वोट करोगे? क्या आप हमारी बेटियों के सिरों से हिजाब खींचने वालों को वोट करोगे? क्या आप मस्जिद में घुसके मारने वाले के साथ खड़े होने वाली पार्टियों को वोट करोगे? क्या आप बुलडोजर से हमारे मुसलमानों की बस्तियां उजाड़ने वालों को वोट करोगे? अत: महाविकास अघाड़ी को अपना कीमती वोट देकर कामयाब बनाइए।

इस खुलासे के बाद भाजपा का आरोप है कि पूरे मामले में वोटों का ध्रुवीकरण किया जा रहा है। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इस संस्था और इस प्रकार की कई संस्थाओं के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने धार्मिक भावनाएं भड़काने के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है, साथ ही मैंने मुसलमानों को भड़काने और धार्मिक अभियान चलाने के लिए मराठी मुस्लिम सेवा संघ और ऐसे अन्य गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ मुलुंड पूर्व पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। चुनाव आयोग से की गई मेरी शिकायत मुंबई सिटी कलेक्टर को भेज दी गई है। सोमैया ने कहा कि महाराष्ट्र में मराठी मुस्लिम सेवा संघ और ऐसे तमाम एनजीओ मुसलमानों को वोट जिहाद के लिए उकसा रहे हैं। धार्मिक भावनाओं का शोषण करने की कोशिश की जा रही है, यह सही नहीं है, इसे हर हाल में रोकना होगा।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 1947 से पहले की मुस्लिम लीग बन गई है। कांग्रेस, मुस्लिमों को धर्म के नाम पर भड़का रही है और कह रही है कि वह उनकी सारी मुरादें पूरी करेगी।

दूसरी ओर भाजपा के लगाए आरोपों पर सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि यदि कोई एनजीओ महाविकास अघाड़ी (एमवीएम) को वोट देने के लिए प्रेरित कर रहा है तो इसमें गलत क्या है? सभी लोग वोट मांगने जाते हैं। प्रियंका का दावा है कि आज संविधान और देश खतरे में है, इसलिए जिसे जहां सुरक्षित लगता है वह वहां वोट देंगे, भाजपा सिर्फ हिन्दू-मुस्लिम कर नफरत फैला रही है। प्रियंका के दिए इस जवाब पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने विपक्ष पर कड़ा प्रहार किया है, उन्होंने कहा है कि जो लोग वोट जिहाद का आक्रमण देश के लोकतंत्र पर कर रहे हैं, ये लोग कहां थे जब तीन तलाक से पीड़ित महिलाएं न्याय मांग रही थीं? ये कहां थे जब गरीब मुसलमान नौजवान शिक्षा सुविधा मांग रहे थे? वोट जिहाद कहकर वोट मांगने वाले लोकतंत्र की शक्ति को नहीं मानते, आज ऐसी सभी साजिशों का पर्दाफाश हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए मौलानाओं द्वारा मुस्लिमों से अपील किया जाना सामने आया था। वहीं, इस दौरान मराठी मुस्लिम सेवा संघ, महाराष्ट्र डेमोक्रेटिक फोरम जैसे अनेक एनजीओ की मुस्लिम लामबंदी में अहम भूमिका निभाने की जानकारी सामने आई थी। इन सभी ने मुस्लिम बहुल इलाकों में कई बैठकों के माध्यम से समान नागरिक संहिता, वक्फ बिल जैसे मुद्दों को संबोधित करते हुए यह बताया था कि भाजपा की सरकार उनकी विरोधी है, इसलिए वे अपने वोट का प्रयोग भाजपा को हराने के लिए करें। यही सब इस बार भी दोहराया जा रहा है।

लोकतंत्रात्मक शासन व्यवस्था में चिंता की बात यह है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो यह देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बुरी तरह से प्रभावित करेगी। हाल में सामने आए कई वीडियो बहुत चिंता में डालते हैं, क्योंकि इन सभी में एक मकसद के तहत मुस्लिम मतदाताओं को भाजपा के खिलाफ भड़काया जा रहा है। दूसरी ओर मुंबई की प्रतिष्ठित टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) में हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने उजागर किया है कि महाराष्ट्र में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। इस अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ है कि इन अवैध प्रवासियों ने राज्य के सामाजिक-आर्थिक ढांचे पर दबाव ही नहीं डाला है, बल्कि राजनीतिक परिदृश्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ राजनीतिक संस्थाएं वोट के लिए अवैध अप्रवासियों का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रही हैं। बिना दस्तावेज वाले अवैध अप्रवासी भी फेक वोटर आईडी हासिल कर पा रहे हैं। ये सब भी महाराष्ट्र में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए सक्रिय दिखाई दे रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी

   

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