केदार घाटी के देवी मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

-मां काली के सिद्ध पीठ कालीमठ में पूजा-अर्चना

गुप्तकाशी, 3 अक्टूबर (हि.स.)। शारदीय नवरात्रों के पहले दिन केदार घाटी के प्रसिद्ध देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने जौं रोपकर मां काली का पूजन-अर्चन किया। इस दौरान कालीमठ, ललिता माई नाला, दुर्गा मां फेगू, बाराही देवी सेमी, चामुंडा देवी चौमासी और कालीशीला सहित अन्य मंदिरों में भक्तों ने मां भगवती का अभिषेक कर क्षेत्र की खुशहाली और संपन्नता की कामना की।

सरस्वती नदी के तट पर स्थापित प्रसिद्ध कालिमठ में सैकड़ों भक्तों ने मां काली, महालक्ष्मी, सरस्वती और भैरव मंदिर के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। स्कंद पुराण के केदारखंड में वर्णित है कि इसी स्थान पर मां काली ने रक्त बीज दानव का वध करके खुद गर्भगृह में समाधिस्थ हो गईं थी । चैत्र और शारदीय नवरात्रों में सिद्ध पीठ कालीमठ में भक्तों का खास हुजूम उमड़ता है।

वेदपाठी रमेश चंद्र भट्ट ने बताया कि इस स्थान पर मां काली ने रौद्र रूप रख कर रक्तबीज का वध किया था। राज्य का पहला यह ऐसा सिद्ध पीठ है, जहां पर मां काली नौ रूपों में विराजित होती है। उन्होंने कहा कि इस स्थान पर पूजन अर्जन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / बिपिन

   

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