जल जीवन मिशन पर मुख्यमंत्री की सख्ती, पाइपलाइन में अनियमितता पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश

कोलकाता, 02 दिसंबर (हि.स.)। जल जीवन मिशन को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को सचिवालय में एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में सार्वजनिक निर्माण मंत्री पुलक रॉय, पंचायत मंत्री प्रदीप मजूमदार, मंत्री मानस भुइयां, मुख्य सचिव और गृह सचिव समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने मिशन के काम में हुई अनियमितताओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए दोषियों पर कार्रवाई के आदेश दिए।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा, “जल पाइप काटना गैरकानूनी है। कुछ लोग बड़े-बड़े रिज़र्वायर बना रहे हैं, गलत टेंडर और डीपीआर तैयार कर रहे हैं। मंत्री पुलक रॉय ने बताया कि उनके विभाग ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है।”

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, पूर्व बर्दवान, मुर्शिदाबाद और हावड़ा जिलों का जिक्र करते हुए कहा कि इन इलाकों में जल पाइपों का सबसे ज्यादा दुरुपयोग हुआ है। उन्होंने बताया कि 18 हजार 200 से अधिक जगहों पर पाइपलाइन का गलत इस्तेमाल हुआ है। यह सरकार की संपत्ति है, इसे निजी संपत्ति समझने की भूल न करें। मैं इस तरह के अपराध को बर्दाश्त नहीं करूंगी। ऐसे मामलों में दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा और जो लोग इन्हें बचाने की कोशिश करेंगे, उनकी नौकरी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग पाइपलाइन से पानी चुराकर खेती के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, जो पूरी तरह से गलत है। उन्होंने चेतावनी दी, “अगर पाइपलाइन काटने से उसमें जहरीले पदार्थ मिल गए तो लाखों लोग प्रभावित हो सकते हैं। यह एक गंभीर आपराधिक कृत्य है। दोषियों पर केस दर्ज कर गिरफ्तार करें।”

मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत खर्च किए गए धन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “अब तक इस मिशन पर 55 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। लेकिन केंद्र सरकार की मंजूरी न मिलने की वजह से लगभग 50 लाख परिवार अब भी पानी से वंचित हैं। जो एजेंसियां बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रही हैं, उन्हें ब्लैकलिस्ट करें और उन पर जुर्माना लगाकर हटा दें।”

मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन के कार्यों की साप्ताहिक समीक्षा का ऐलान करते हुए कहा, “अब से हर सोमवार को इस मिशन पर बैठक होगी।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों में प्रवासी मजदूरों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “हमारे प्रवासी मजदूरों को अन्य राज्यों से मार-पीटकर भगा दिया गया। लेकिन हमारी सरकार अपने लोगों के लिए हमेशा खड़ी है और उनके हक की सुरक्षा करेगी।”

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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