राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन हरिद्वार में 4 नवंबर को करेगा गंगा उत्सव 2024 का आयोजन 

नई दिल्ली, 2 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा 4 नवंबर को हरिद्वार के चंडी घाट पर गंगा उत्सव 2024 का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम गंगा नदी को 'राष्ट्रीय नदी' घोषित किए जाने की वर्षगांठ पर होता है और इस बार इसका आठवां संस्करण है। यह उत्सव पहली बार नदी के किनारे मनाया जाएगा। यह आयोजन गंगा बेसिन वाले राज्यों के 139 जिलों में जिला गंगा समितियों द्वारा भी मनाया जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक राज्य में एक मुख्य कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।

जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार गंगा उत्सव का नेतृत्व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल कर रहे हैं। इस उत्सव का उद्घाटन सोमवार को शाम चार बजे किया जाएगा, जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी भी मौजूद रहेंगे। यह आयोजन बीएसएफ के सहयोग से आयोजित होने वाले आगामी गंगा महिला राफ्टिंग अभियान के फ्लैग-ऑफ समारोह का भी हिस्सा होगा। 50 दिनों तक चलने वाला यह अभियान गंगा नदी के किनारे 9 प्रमुख शहरों और कस्बों से होकर गुजरते हुए गंगा सागर पर समाप्त होगा। यह ऐतिहासिक अभियान गंगा बेसिन के पांच प्रमुख राज्यों के विभिन्न जिलों में आयोजित की जाने वाली कई गतिविधियों के साथ जुड़ेगा।

मंत्रालय ने बताया कि इस वर्ष के कार्यक्रम को नदी उत्सव के रूप में एक मॉडल कार्यक्रम के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अंतर्गत रिवर सिटी एलांयस के तत्वावधान में कई नदी शहरों द्वारा इसमें भाग लेने की संभावना है। इस गठबंधन का गठन देश भर के 145 नदी शहरों को सम्मिलित करके किया गया है। गठबंधन का मुख्य उद्देश्य एकीकृत दृष्टिकोण अपनाकर नदी-संवेदनशील शहरी योजना के माध्यम से स्वच्छ और सतत प्रवाहित होने वाली नदियों को सुनिश्चित करना है, जिसे सभी लोग उत्सव के रूप में मनाएं, जिससे समावेशी और सतत शहरी विकास के लिए जल-सुरक्षित शहरों का निर्माण हो सके। यह उत्सव हमारे समाज में नदियों के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को उजागर करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करेगा।

उत्सव के दौरान गंगा संवाद का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न विषयों पर प्रमुख हस्तियों, धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं तथा मुख्य व्यक्तियों के बीच विचार-विमर्श होगा। इस संवाद का उद्देश्य युवाओं को नदी संरक्षण से जोड़ने और जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित करना है। कार्यक्रम के अंतर्गत एक तकनीकी सत्र भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें विशेषज्ञ जल प्रबंधन और नदी कायाकल्प से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

इस महोत्सव में घाट पर हाट नामक एक कार्यक्रम भी शामिल होगा, साथ ही स्थानीय विभागों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टॉल के माध्यम से नमामि गंगे पहल के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया जाएगा। बच्चों को नदी संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जिनमें प्रश्नोत्तरी, फ़िल्म प्रदर्शन, जादू शो, कठपुतली शो, और चित्रकला प्रतियोगिताएँ शामिल होंगी। युवा पीढ़ी में नदी संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से नुक्कड़ नाटक भी आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, एक विशेष सत्र में नदियों की सांस्कृतिक यात्रा और उनसे जुड़ी कहानियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस आयोजन में नमामि गंगे पर एक प्रदर्शनी भी होगी, जिसमें इस पहल के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ ही गंगा महोत्सव के उत्सव में एक छोटे खाद्य महोत्सव का भी आयोजन किया जाएगा।

'गंगा उत्सव 2024' लोगों के नदी से जुड़ाव को बढ़ावा देगा और गंगा नदी के संरक्षण के प्रयासों को आगे बढ़ाएगा। इसके अतिरिक्त, गंगा नदी भारत की सभ्यता का एक महत्वपूर्ण केंद्र रही है, और इस उत्सव के माध्यम से इसकी धरोहर और महत्व को गहराई से समझने का प्रयास किया जाएगा। उत्सव का एक अन्य प्रमुख उद्देश्य स्वच्छता के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है, ताकि सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित किया जा सके, जो नदी प्रदूषण को रोकने और उन्हें पुनर्जीवित करने में सहायक हो। यह कार्यक्रम गंगा नदी को उसके मूल स्वरूप में पुनर्स्थापित करने और नदी के ऐतिहासिक एवं पवित्र चरित्र को बनाए रखने में मदद करेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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