प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए लागू होगा रैंकिंग सिस्टम

जयपुर, 5 नवंबर (हि.स.)। प्रदेशभर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए सभी जिलों की रैंकिंग की जाएगी। इसके लिए नए सिरे से मानक तैयार किए जाएंगे। विभिन्न योजनाओं एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों के आधार पर निर्धारित मानकों की जिलों को पालना सुनिश्चित करनी होगी। प्रदर्शन औसत स्तर से नीचे होने पर संबंधित अधिकारी एवं कार्मिक की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में इस सम्बन्ध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी जिले स्वास्थ्य सेवाओं की प्रदायगी के स्तर को और बेहतर बनाएं। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

राठौड़ ने कहा कि सभी जिलों में यह सुनिश्चित किया जाए कि जांच उपकरणों एवं मशीनों का समुचित उपयोग हो। मानव संसाधन की कमी से किसी मशीन का उपयोग नहीं हो पा रहा हो तो तत्काल प्रभाव से कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर नियमानुसार कार्मिक लगाए जाएं। साथ ही, नई मशीनों को तुरंत प्रभाव से इंस्टॉल करवाया जाना भी सुनिश्चित किया जाए। जांच मशीनों का समय—समय पर मेंटीनेंस करवाया जाए।

प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि आमजन को निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराने की दृष्टि से मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना महत्वाकांक्षी पहल है। इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए अधिकाधिक लोगों को इस योजना से जोड़ें। आयुष्मान कार्ड वितरण के शत—प्रतिशत लक्ष्य हासिल किए जाएं। आयुष्मान आरोग्य शिविरों का नियत दिवस पर आवश्यक रूप से आयोजन हो। शत—प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने के साथ ही यू विन पोर्टल पर इसका नियमित अपडेशन किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिकित्सा तंत्र को मजबूत बनाने एवं उपचार में सुगमता के लिए सभी व्यक्तियों की आभा आईडी बनाई जाए। इस कार्य को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए। उन्होंने लक्ष्य में पिछड़ने वाले जिलों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

प्रमुख शासन सचिव ने बजट घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में मॉडल सीएचसी की घोषणा को मूर्तरूप देने के लिए मिशन मोड में कदम उठाएं। इन सीएचसी के लिए आवश्यक संसाधन एवं सेवाएं जल्द उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा की दृष्टि में अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश पर नजर रखें। सुरक्षाकर्मियों के माध्यम से यह सुनिश्चित करें कि मरीज एवं उनके परिजन सहित अधिकृत व्यक्तियों का ही अस्पताल में प्रवेश हो।

बैठक में मौसमी बीमारियों की भी समीक्षा की गई। राठौड़ ने कहा कि मौसमी बीमारियों के केस कम होने के बावजूद सतर्कता बरतें। बचाव के लिए आवश्यक गतिविधियां नियमित रूप से संचालित की जाएं। जांच एवं उपचार की माकूल व्यवस्था रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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