बराक–ब्रह्मपुत्र को जोड़कर ऐतिहासिक परिवर्तन की ओर बढ़ रहा असम: भाजपा
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- Dec 08, 2025
- कार्बी आंगलोंग–डीमा हसाओ में तेज़ विकास की नई धारा
गुवाहाटी, 08 दिसंबर (हि.स.)। भाजपा ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व में बराक घाटी, कार्बी आंगलोंग और डीमा हसाओ में अभूतपूर्व विकास की लहर प्रवाहित हो रही है। लंबे समय से उपेक्षित पहाड़ी क्षेत्रों में स्वतंत्रता के 78 वर्ष बाद पहली बार योजनाबद्ध और तीव्र गति से परिवर्तन देखने को मिल रहा है। ये बातें भाजपा असम प्रदेश की प्रवक्ता डॉ. ज़फरीन मेहजबीन ने प्रदेश मुख्यालय अटल बिहारी वाजपेयी भवन से जारी एक विस्तृत बयान में दी।
डॉ. मेहजबीन ने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने कार्बी आंगलोंग और डीमा हसाओ के वर्षों पुराने समस्याओं के समाधान के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं और उनके समग्र एवं टिकाऊ विकास को केंद्र में रखकर कई ऐतिहासिक योजनाओं को लागू किया है। दोनों पहाड़ी जिलों के लोगों के जीवन स्तर को सुधारने वाली कई परियोजनाएं इसी ज़मीन पर उतर चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि 7 दिसंबर को मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में लोक सेवा भवन में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में डीमा हसाओ में चार लेन राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण हेतु भूमि अर्जन के बदले 884 परिवारों को मुआवज़ा देने को मंज़ूरी दी गई। वहीं कार्बी आंगलोंग के लॉन्गवा में असम के दूसरे सैनिक स्कूल के निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई। ₹335 करोड़ की इस परियोजना में 80 फीसदी राशि रक्षा मंत्रालय और 20 फीसदी राज्य सरकार वहन करेगी।
इसी क्रम में 5 दिसंबर को उमरांग्सो में असम क्रिकेट एसोसिएशन की पहल पर तैयार हुए नवनिर्मित क्रिकेट स्टेडियम का औपचारिक उद्घाटन किया गया, जिससे क्षेत्र में खेल अधोसंरचना को महत्वपूर्ण गति मिली है। शांति समझौते के तहत मुख्यमंत्री ने पूर्व डीएनएलए कैडरों के पुनर्वास और डीमा हसाओ में अंतर-ग्राम संपर्क तथा बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण हेतु केंद्रीय विशेष विकास पैकेज से 500 करोड़ रुपये की राशि को मंज़ूरी दी है।
बराक घाटी में भी सरकार ने कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। मंत्रिमंडल ने सिलचर स्थित डोलू टी इस्टेट की 3,000 बीघा भूमि को ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट निर्माण के लिए एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया को हस्तांतरित करने की ऐतिहासिक स्वीकृति दी। यह परियोजना बराक घाटी की कनेक्टिविटी और आर्थिक संभावनाओं को नई दिशा देने वाली मानी जा रही है।
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रवक्ता ने बताया कि सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कैंसर केयर सुविधाएं अब पूरी तरह कार्यशील हैं, जिनमें एक निजी इकाई तथा रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम का सहयोग शामिल है। राज्य सरकार ने रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के ‘मां सारदा चैरिटेबल डिस्पेंसरी’ के लिए पांच करोड़ रुपये तथा अतिरिक्त अधोसंरचना के लिए चार करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। 123.55 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा बराक घाटी का मिनी सचिवालय भी अब अंतिम चरण में है।
‘नमामि बराक मिशन’ के तहत जलमार्ग व्यापार और वाणिज्यिक नेविगेशन को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया जा रहा है। साथ ही बराक घाटी में एक औद्योगिक पार्क की स्थापना की योजना भी तेजी से आगे बढ़ रही है, जो क्षेत्रीय आर्थिक विकास का एक नया केंद्र बनेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश



