हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अब पार्ट-टाइम पीएचडी करने की सुविधा, दूरवर्ती शिक्षा के छात्रों के लिए डिग्री अवधि दोगुनी
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- Dec 05, 2025
शिमला, 05 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद (ए.सी.) की बैठक में उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण और दूरगामी निर्णय लिए गए, जिनका लाभ हजारों छात्रों को मिलेगा।
कुलपति आचार्य महावीर सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित इस बैठक में विश्वविद्यालय के 37 सदस्य, वरिष्ठ अधिकारी, विभागाध्यक्ष और विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य शामिल हुए। बैठक में सबसे अहम निर्णय यूजीसी नियमों के अनुरूप विश्वविद्यालय में पार्ट-टाइम पीएचडी शुरू करने को मंजूरी देना रहा, जिससे नौकरी के साथ शोध करने वाले विद्यार्थियों को बड़ा अवसर मिलेगा। इसके साथ ही दूरवर्ती शिक्षा (इक्कडोल) से अध्ययनरत स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्रों के लिए डिग्री पूरी करने की अवधि को 27 जनवरी 2022 से दोगुना करने की स्वीकृति दी गई, जिससे अपनी पढ़ाई बीच में छूट जाने या विलंब होने के कारण परेशान छात्रों को राहत मिलेगी।
परिषद ने शोध गतिविधियों को मजबूत करने के उद्देश्य से पांच शोध केंद्रों को संबंधित संकायों के अधीन करने और सीनियर रिसर्च ऑफिसर, रिसर्च ऑफिसर तथा प्रोजेक्ट ऑफिसर से जुड़े मामलों में स्थायी समिति की सिफारिशों को मंजूरी प्रदान की।
बैठक में MTTM, MHM, MA Physical Education, M-P-Ed, PhD तथा MSc गणित की परीक्षा के पाठ्यक्रमों में आंशिक संशोधन और संशोधित परीक्षा प्रणाली को लागू करने का निर्णय भी लिया गया, ताकि पाठ्यक्रम अधिक आधुनिक, प्रभावी और पारदर्शी हो सके।
विश्वविद्यालय ने डीआरडीओ के साथ संयुक्त सुपरविजन में पीएचडी डिग्री शुरू करने पर भी सहमति दी, जिससे रक्षा अनुसंधान क्षेत्रों में शोध को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा PwD ( शारीरिक रूप से दिव्यांग) छात्रों को परीक्षा के दौरान लेखक (स्क्राइब) का पारिश्रमिक प्रदान करने की स्वीकृति दी गई और विभिन्न महाविद्यालयों में बीएससी एआई एवं डेटा साइंस कोर्स शुरू करने हेतु राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया।
बैठक के दौरान ठियोग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. भूपेंद्र सिंह ठाकुर को सर्वसम्मति से कार्यकारिणी परिषद का सदस्य चुना गया। कुलपति ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अकादमिक परिषद की बैठकों का नियमित आयोजन जरूरी है, ताकि शिक्षा व शोध से जुड़े निर्णय समय पर लिए जा सकें और छात्र हित सर्वोपरि रखा जा सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा



