38वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला सुरक्षा व्यवस्था में लगे 2000 जवान
चंडीगढ़, 5 फरवरी (हि.स.)। हरियाणा के विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि 38वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला लाखों देशी-विदेशी पर्यटकों की अगवानी के लिए पूरी तरह से तैयार है। दुनिया के सबसे बड़े शिल्प मेला में 15 लाख से अधिक पर्यटकों के आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस बार हस्तशिल्प, हथकरघा बुनकरों व 50 से अधिक देशों के कलाकारों और प्रतिभागियों से सूरजकुंड मेला गुलजार होगा, जहां सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रमों का भी तड़का लगेगा।
यह जानकारी देते हुए विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने बुधवार काे बताया कि 7 फरवरी से 23 फरवरी तक चलने वाले सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत करेंगे। जबकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी विशिष्ट अतिथि हाेंगे। उन्होंने बताया कि थीम स्टेट मध्य प्रदेश और उड़ीसा रहेंगे, जबकि भागीदार बिम्सटेक देश बांग्लादेश, भूटान, म्यान्मार, नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका रहेंगे। वहीं उत्तर-पूर्वी हस्तशिल्प और हथकरघा विकास परिषद मेले के सांस्कृतिक सहयोगी के तौर पर भागीदारी कर रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि सूरजकुंड मेला परिसर की सुरक्षा व्यवस्था और यातायात प्रबंधन के लिए 2000 जवानों को तैनात किया गया है। मेला मैदान में निगरानी के मकसद से 600 से अधिक सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मेले में आने वाले पर्यटकों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए 10 स्थान निर्धारित किए गए हैं, जहां हर स्थान पर 20-20 नल लगाए गए हैं। इसी प्रकार महिलाओं के लिए अलग-अलग स्थानों पर 10 बड़े शौचालय व पुरूषों के लिए 32 बड़े शौचालय स्थापित किए गए हैं। यही नहीं पार्किंग क्षेत्र में भी अतिरिक्त मोबाइल शौचालय की व्यवस्था की गई है।
विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने बताया कि मेले में आने वाले पर्यटकों के लिए पार्किंग स्थल तैयार किए गए हैं, जिनमें 12 हजार वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है। उन्हाेंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व की सरकार का मकसद देश की पारंपरिक एवं लुप्त हो रही शिल्पकला को सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला के माध्यम से लाखों लोगों तक पहुंचाने का है। इससे ग्रामीण शिल्प कलाओं के बारे में आमजन को जानने का अवसर मिले और इन उत्पादों को बिक्री के लिए बेहतर मंच मिले, ताकि शिल्पकला व हथकरघा क्षेत्र को अच्छे व्यवसायिक अवसर प्राप्त हों।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा