महाराष्ट्र बजट को सत्तापक्ष ने सराहा, विपक्ष ने की आलोचना

मुंबई, 10 मार्च (हि.स.)। वित्तमंत्री अजीत पवार की ओर से सोमवार को विधानसभा में पेश किए गए बजट की सत्तापक्ष ने सराहा है, जबकि इस बजट की विपक्ष ने आलोचना की है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज का बजट पिछले एक दशक में पेश किए बजट में सबसे खराब बजट है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि यह बजट सूबे के सभी वर्ग को विकास को देखकर पेश किया गया है। इस बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास का रोड मैप है और इससे राज्य का विकास होगा।

राकांपा एपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि पेश किए गए बजट में मूलभूत सुविधाओं पर जोर दिया गया है। तटकरे ने कहा कि इस बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना पर ध्यान दिया गया है। इस बजट में हर वर्ग के विकास पर ध्यान दिया गया है।

शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव से पहले सरकार ने जो घोषणाएं की थी, उसे पूरा करने का कोई उपाययोजना बजट में नहीं की गई है। बजट में लाडली बहन तक का उल्लेख नहीं है। किसानों की कर्जमाफी सरकार चुनाव से पहले घोषणा करने के बाद भूल गई है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह बजट पिछले दस साल के बजटों में सबसे खराब है।

राकांपा एसपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि इस बजट में सिर्फ घोषणाएं की गई हैं। बजट में इन घोषणाओं को पूरा करने का प्रावधान नही दर्शाया गया है। इससे लगता है कि अगर कहीं सरकार कोई घोषणा पूरा करने को सोचेगी, तो उसे कर्ज लेना पड़ेगा। इस तरह पहले से कर्ज के बोझ से डूबे महाराष्ट्र पर और भी कर्ज का बोझ बढ़ेगा।

कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा है कि यह स्पष्ट है कि महायुति ने लोगों को धोखा दिया है। पटोले ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट से ही पता चला है कि महायुति ने राज्य को बर्बाद कर दिया है। सरकार ने आज बजट के माध्यम से इसे मंजूरी दे दी है। राज्य पर कर्ज का पहाड़ चढ़ गया है और उसकी वित्तीय व्यवस्था गड़बड़ा गई हैं, क्योंकि खर्च आय से अधिक है। राजस्व घाटा और राजकोषीय घाटा बढ़ गया है। इसलिए इस बात को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है कि बजट में की गई घोषणाएं पूरी होंगी या नहीं। घोषणाएं केवल प्रचार के लिए की जा रही हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव

   

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