मुख्यमंत्री प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन के गंभीर प्रयास कर रहे हैं : चंद्रशेखर

मंडी, 13 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर दूरगामी सुधार करने जा रहे हैं। वे विधानसभा के अंदर और बाहर स्थितियों का जनता के बीच जाकर आंकलन करने का प्रयास कर रहे हैं। विधायक चंद्र शेखर ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि विपक्ष प्रदेश की जनता को भ्रमित कर रहा है। उन्होंने विपक्ष बौखलाहट में ऐसे मुददों को उठा रहा है, जिनका जनता से दूर-दूर तक नाता नहीं है।

चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर इस मुहीम का संचालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर ने न तो मुख्यमंत्री रहते हुए और न ही अब प्रदेश के हितों की वकालत की है। जबकि बीते दस साल केंद्र में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री रहे और अब भी प्रधानमंत्री हैं। इस साल प्रदेश में सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा आई, जिसमें सैंकड़ों लोगों की जानें गई। अकेले मंडी जिला में ही 48-50 लोगों की जान गई है। करीब नौ हजार परिवार उजड़ गए। लेकिन केंद्र से आपदा राहत के रूप में फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है।

चंद्रशेखर ने बताया कि आपदा के पीडीएनए के तहत मिलने वाली नौ हजार करोड़ की राशि अभी भी केंद्र के पास पड़ी है, जिसका भुगतान नहीं किया जा रहा है। चंद्रशेखर ने कहा कि अपने मुख्यमंत्री काल में जयराम ठाकुर अपने ड्रीम प्रोजेक्ट बल्ह हवाई अड्डा और शिवधाम के लिए भी बजट का प्रावधान नहींकर पाए। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर मंडी के लिए स्मार्ट सिटी की लड़ाई क्यों लड़ पाये।

चंद्रशेखर ने कहा कि अपने कार्यकाल में आउटसोर्स कर्मियों के लिए कोई नीति नहीं बना पाए अब जयराम उनसे पूछ रहे हैं कि आपका मुद्दा क्या है। उन्होंने कहा कि जब आपके हाथ में जनता ने हरा पैन दिया था तब आपने क्या किया। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर आदर्शों की बात करते हैं। लेकिन उनके कार्यकाल में सरदार पटेल विश्व विद्यालय और अन्य विश्वविद्यालयों में एक ही विचारधारा के लोगों की भर्ती की गई। जबकि इसके लिए कितने ही पीएचडी और एमफिल किए हुए बच्चों ने आवेदन किया था, उनका क्या कसूर था।

चंद्रशेखर ने कहा कि जयराम ठाकुर कहते हैं कि मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। उन्होंने कहा कि यह खतरे की घंटी सरकार के लिए नहीं है हम फिर से चालीस का आंकड़ा पार कर गए हैं। जबकि भाजपा हर चुनाव में नए चेहरों पर दाव खेलती है, ऐसे में जयराम के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। अब वे दोबारा भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री के दावेदार नहीं बन पाएंगे।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

   

सम्बंधित खबर