I4सी गृह मंत्रालय और उत्तराखंड एसटीएफ ने साइबर ठगी के 34 करोड़ रुपये कराया वापस, चेहरे पर लौटी मुस्कान 

देहरादून, 26 अक्टूबर (हि.स.)। I4सी गृह मंत्रालय भारत सरकार और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) उत्तराखंड के संयुक्त प्रयास से साइबर ठगी के 34 करोड़ से अधिक रुपये वापस कराया है। गाढ़ी मेहनत की कमाई वापस पाकर पीड़ितों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई। एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने साइबर क्राइम थाने को सख्त निर्देश दिए हैं कि लोगों का पैसा बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करें। ऐसे में पिछले दिनों करोड़ों रुपये बचाए गए हैं।

साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पर गत 20 जून को बसंत बिहार निवासी शिकायतकर्ता ने अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध स्वंय को फाइनेंशियल गेस डब्ल्यू-1 से बताकर शेयर मार्केट में निवेश कर अधिक लाभ कमाने के नाम पर धोखाधड़ी से दो करोड़ 67 लाख 20 हजार रुपये साइबर ठगी करने संबंधी शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने कार्यवाही करते हुए शिकायतकर्ता की 42 लाख रुपये वापस कराई है। प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।

दूसरा मामला गत 26 जून क्लेमनटाउन देहरादून का है। इनसे अज्ञात व्यक्तियों ने स्वयं को जॉबफेंट से बताकर नौकरी तथा वीजा व अन्य के नाम पर धोखाधड़ी से 22 लाख 96 हजार रुपये साइबर ठगी की थी। इनका भी पुलिस ने 10 लाख रुपये वापस कराया है। तीसरा मामला गत 25 जुलाई जौलीग्रांट देहरादून का है। इनसे भी अज्ञात व्यक्तियों ने स्वयं को फोरन इंवेस्टमेंट कंपनी से बताकर शेयर मार्केट में निवेश कर अधिक लाभ कमाने के नाम पर धोखाधड़ी से 34 लाख 17 हजार रुपये साइबर ठगी की थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 10 लाख रुपये वापय कराया है।

चौथा मामला गत 10 सितंबर रुड़की जनपद हरिद्वार का है। शिकायकर्ता से अज्ञात व्यक्तियों ने स्वयं को एम स्टॉक मैक्स कंपनी से बताकर शेयर मार्केट में निवेश कर अधिक लाभ कमाने के नाम पर धोखाधड़ी से 30 लाख 15 हजार रुपये साइबर ठगी की थी। पुलिस ने शिकायतकर्ता की सात लाख 15 हजार रुपये अब तक वापस कराया है। पांचवां मामला गत 18 सितंबर का रायपुर देहरादून का है। शिकायतकर्ता से अज्ञात व्यक्तियों ने स्वयं को सीबीआई व साइबर पुलिस मुंबई से बताकर विभिन्न अपराध में संलिप्त होने की बात कहते हुए डिजिटल अरेस्ट कर केस में सहयोग तथा वेरिफिकेशन के नाम पर धोखाधड़ी से 95 लाख 47 रुपये साइबर ठगी की थी। पुलिस ने शिकायतकर्ता की 95 लाख रुपये की संपूर्ण धनराशि वापस कराई है।

वहीं छठवां मामला गत 27 सितंबर का निरंजनपुर देहरादून का है। यहां भी शिकायतकर्ता से अज्ञात व्यक्तियों ने स्वयं को सीबीआई व साइबर पुलिस मुंबई से बताकर विभिन्न अपराध में संलिप्त होने की बात कहते हुए डिजिटल अरेस्ट कर केस में सहयोग तथा वेरिफिकेशन के नाम पर धोखाधड़ी से दो करोड़ 27 लाख 22 हजार 717 रुपये साइबर ठगी की थी। पुलिस ने शिकायतकर्ता की 67 लाख रुपये की धनराशि वापस कराई है।

लोगों के पैसे बचाने के इस संयुक्त प्रयास के लिए उत्तराखंड एसटीएफ ने I4सी गृह मंत्रालय भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। साथ ही I4सी के सीईओ आईपीएस डॉ. राजेश कुमार व निदेशक आईपीएस रूपा एम एवं उप सचिव दीपक विरमानी और पूरी टीम को धन्यवाद दिया।

साइबर सुरक्षा के टिप्स

- ऑनलाइन लेन-देन में सावधानी बरतें

- सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें

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- अपने डिवाइस को सुरक्षित रखें

- ऑनलाइन शॉपिंग में सुरक्षित वेबसाइट्स का उपयोग करें

- पासवर्ड को मजबूत और गुप्त रखें

- ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखें

- साइबर बुलिंग और साइबर स्टॉकिंग के मामलों में तुरंत पुलिस को सूचित करें

- ऑनलाइन उत्पीड़न के मामलों में कंपनी प्रबंधन और पुलिस को सूचित करें

- साइबर क्राइम की रिपोर्ट करने के लिए हेल्प लाइन नंबर 1930 पर सूचित करें

- एनसीआरपी पोर्टल https://cybercrime.gov.in/ की जानकारी परिवारजनों को भी साझा करें

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

   

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