ई-रिक्शा–टोटो चालकों का डेप्युटेशन ज्ञापन, पंजीकरण प्रक्रिया सरल करने की मांग तेज

पश्चिम मेदिनीपुर, 25 नवंबर (हि. स.)। घाटाल में एक ज़ोरदार प्रदर्शन कर ई-रिक्शा और टोटो चालकों व मालिकों ने मंगलवार दोपहर को एसडीओ को ज्ञापन देकर अपनी विभिन्न समस्याओं और मांगों को रखा। चालकों का कहना है कि सरकार ने ई-रिक्शा व टोटो को मान्यता तो दे दी है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर अब भी कई कठिनाइयां बनी हुई हैं।

प्रदर्शनकारियों ने अपने बैनर पर स्पष्ट किया कि वे राज्य सरकार और मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हैं, लेकिन पंजीकरण और लाइसेंस से जुड़ी प्रक्रियायें अभी भी जटिल हैं। उनकी मांग है कि ई-रिक्शा का पंजीकरण ए.आर.टी.ओ./आर.टी.ओ. कार्यालय में सरल और सुगम तरीके से किया जाए।

ई-रिक्शा व टोटो का पंजीकरण सरल और सुलभ किया जाए। पंजीकरण शुल्क पांच सौ रुपये और मासिक टैक्स तीन सौ रुपये तय किया जाए, पंजीकरण उपलब्ध न होने पर चालकों को पुलिस/प्रशासन की ओर से प्रताड़ित न किया जाए, सड़क पर सुरक्षित रूप से चलाने की सुविधा मिले और अनावश्यक रोक-टोक बंद हो, पहचान नंबर/रंग कोड और बीमा की व्यवस्था अनिवार्य और आसान हो।

चालकों का कहना है कि वे सरकारी नियमों का पालन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए प्रक्रियाओं को व्यावहारिक बनाना जरूरी है। दूसरी ओर, उनका आरोप है कि कुछ जगहों पर ई-रिक्शा चालकों को बिना वजह रोका–टोका जाता है और परेशान किया जाता है।

संगठन ने प्रशासन से मांग की कि ई-रिक्शा–टोटो से जुड़े सभी मुद्दों को गंभीरता से लिया जाए और चालक–मालिकों के साथ बातचीत कर स्थायी समाधान निकाला जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता

   

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