स्वास्थ्य क्षेत्र ‘विकसित भारत’ का आधार बनने जा रहा है: प्रो. वीके पॉल

कार्यक्रम में उपस्थित नीति आयोग के सदस्य प्रो. वी.के. पॉल और अन्य

पॉल ने कहा-भारत के पास है ‘स्वास्थ्य के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ का नेतृत्व

नई दिल्ली, 05 नवंबर (हि.स.)। नीति आयोग के सदस्य प्रो. वी.के. पॉल ने मंगलवार को कहा कि सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को अगले स्तर पर ले जाने के लिए पूरी तरह से पुनर्जीवित करने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हम केवल एक योजना नहीं चला रहे हैं, बल्कि संपूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का निर्माण कर रहे हैं, जो भविष्य के लिए तैयार होगी और 2047 तक हमारे देश की विकसित भारत यात्रा में सहायक होगी।”

नीति आयोग के सदस्य प्रो. वीके पॉल ने नई दिल्ली में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) द्वारा इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित ‘स्वस्थ भारत, विकसित भारत’ थीम पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। ‘फिक्की हील 2024’ को संबोधित करते हुए प्रो. पॉल ने कहा कि ‘विकसित भारत’ का अर्थ 32 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ प्रति व्यक्ति आय में 2,500 डॉलर से 18,000 डॉलर तक की वृद्धि भी है।

प्रो. पॉल ने कहा कि ‘विकसित भारत’ बनने की यात्रा के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र इसका आधार बनने जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र को सक्षम बनाने के लिए अन्य क्षेत्रों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करना चाहिए। स्वस्थ भारत, विकसित भारत और निरामया भारत ऐसी भावना है, जिसे मैं उम्मीद करता हूं कि हम सभी साझा करेंगे। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर प्रकाश डालते हुए डॉ पॉल ने कहा कि सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि नई तकनीकों को मान्य किया जाए।

डॉ पॉल ने उद्योग को एआई के उपयोग को मान्य करने की सलाह दी। उन्होंने जोर देकर कहा, “कृपया सुनिश्चित करें कि हमारे द्वारा पेश की गई एआई तकनीकें मान्य हों।” डॉ पॉल ने यह भी कहा कि सरकार भारत में एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने के लिए काम कर रही है, जो औसत जीवन प्रत्याशा को 71 वर्ष से बढ़ाने में मदद करेगी और सरकार 2047 तक चिकित्सक अनुपात और बिस्तर अनुपात को बढ़ाने के साथ-साथ 85 वर्ष से अधिक होने की आकांक्षा रखती है। उन्‍होंने आयुष्मान भारत कार्यक्रम में सभी वरिष्ठ नागरिकों को शामिल करने पर प्रकाश डालते हुए कहा, “आयुष्मान भारत वय वंदना कार्ड के साथ 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान भारत का विस्तार किया गया है।

इस अवसर पर फिक्‍की की स्वास्थ्य सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. हर्ष महाजन और अध्यक्ष, महाजन इमेजिंग लैब्स ने कहा, “हमारा स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग और भविष्य कहने वाला विश्लेषण का लाभ उठाता है, जिससे भारत के दूरदराज के इलाकों में भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुलभ हो जाती है। उन्‍होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा में यह डिजिटल क्रांति पूरी तरह से 'डिजिटल इंडिया' और 'स्वस्थ भारत' दोनों की भावना का प्रतीक है।” इसके अलावा डॉ. अनुपम सिब्बल, सह-अध्यक्ष फिक्की स्वास्थ्य सेवा समिति और समूह चिकित्सा निदेशक और वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ, अपोलो अस्पताल ने कहा, “सहयोग और साझेदारी के माध्यम से, हम उन नवाचारों और समाधानों को जन्म दे सकते हैं, जो हमारे देश के भविष्य को आकार देंगे। विकसित भारत का मार्ग सामूहिक प्रयासों से प्रशस्त होता है।”

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

   

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