आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय सचिव ने आरआरटीएस स्टेशन की सौर ऊर्जा संयंत्र का किया उद्घाटन
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- Dec 01, 2024
-दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का दौरा, नमो भारत ट्रेन में की यात्रा
गाजियाबाद, 01 दिसंबर (हि.स.)। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्रीनिवास कटिकिथला ने रविवार को दिल्ली-गाजियाबाद और मेरठ को जोड़ने वाले भारत के पहले रीज़नल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर का दौरा किया। कटिकिथला ने गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन पर स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन भी किया।
दौरे की शुरुआत न्यू अशोक स्टेशन से हुई, जहां एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने एनसीआरटीसी के निदेशकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उनका स्वागत किया। इस दौरान कटिकिथला ने आरआरटीएस कॉरिडोर के दिल्ली खंड के परिचालन की शुरुआत के लिए की जा रही तैयारियों का जायजा लिया। फिलहाल यात्री परिचालन के लिए इस खंड पर नमो भारत ट्रेनों के ट्रायल रन किए जा रहे हैं।
उन्होंने एनसीआरटीसी द्वारा मौजूदा परिवहन साधनों के पास बनाए जा रहे आरआरटीएस स्टेशनों के निर्माण कार्य का जायजा लिया। एनसीआरटीसी के एमडी ने उन्हें बताया कि किस तरह से फुट-ओवर ब्रिज (एफओबी), लिफ्ट और एस्केलेटर के व्यापक प्रयोग से परिवहन के विभिन्न साधनों को सहजता से एकीकृत किया जा रहा है, जिससे यात्री सड़कों पर उतरे बिना ही उनके बीच आसानी से आवागमन कर सकते हैं।
इसके बाद कटिकिथला ने गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन पर स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन भी किया। आरआरटीएस कॉरिडोर में एनसीआरटीसी द्वारा स्थापित यह सौर ऊर्जा छत संयंत्र, अब तक का सबसे बड़ा संयंत्र है, जिसमें लगभग 1 मेगावाट (965 किलोवाट (एम डब्ल्यू पी)) की सोलर ऊर्जा उत्पादन करने की क्षमता है। यह पहल एनसीआरटीसी के स्टेशनों, डिपो और सबस्टेशनों को सौर ऊर्जा उत्पादन के केंद्रों में बदलने के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जो इसके कार्बन फुटप्रिंट्स को काफी कम करता है। वर्तमान में एनसीआरटीसी 4 मेगावाट पीक की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता के साथ अनुमानित वार्षिक 4,100 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी ला रहा है।
इसके साथ ही कटिकिथला ने परिचालित खंड में नमो भारत ट्रेन में यात्रा की। इस बीच उन्हें ट्रेन संचालकों और स्टेशन नियंत्रकों से भी परिचित कराया गया, जो मुख्य रूप से महिलाएँ हैं।
दौरे के दौरान सचिव को आरआरटीएस परियोजना में उपयोग की जा रही अत्यधुनिक तकनीकों के बारे में एक विस्तृत जानकारी भी दी गई, जिसमें ईटीसीएस-2 सिग्नलिंग और बिल्डिंग इंफॉर्मेशन मॉडलिंग (बीआईएम) शामिल हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली