सोनीपत: संतों के चरर्ण स्वर्णप्रस्थ पर पड़े तो यह नगरी स्वर्ग बन गई

2 Snp-1   सोनीपत: संत सम्मेलन में मंच पर     उपस्थित हरिद्वार से आए आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज व अन्य संत2 Snp-1   सोनीपत: संत सम्मेलन में मंच पर     उपस्थित संत

-सनातन धर्म का संदेश पूरा विश्व

एक परिवार:आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी

सोनीपत, 2 दिसंबर (हि.स.)। प्रयागराज

में लगने वाले महाकुंभ से पहले सोनीपत में सोमवार को संतों को महाकुंभ लगा। इसमें

हरियाणा उतराखंड, उत्तर प्रदेश के शीर्ष संत शामिल हुए। जिसमें सनातन धर्म को विश्व

बंधुत्व भाइचारे का संदेश देने वाला एक मात्र धर्म बताया गया है। देश के विभिन्न हिस्सों

के संत शिरोमणियों ने विश्व के नाम शाश्वत सत्य का संदेश दिया।

इस समारोह

में विभिन्न अखाडों के आचार्य महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वर, महंत, श्री महंत, पीठाधीश्वर,

आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद के प्रतिनिधि शामिल हुए। हिन्दू धर्म की ध्वज पताका फहराने

वाले संतों का वंदन अभिनंदन और संत रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। शशिकांत इंटरनेशनल

चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं भाजपा नेता शशिकांत कौशिक ने स्वागत उद्बोधन में कहा

कि सोनीपत की पावन धरा पर पधारे सभी संत भक्त महात्माओं का दिल की गहराइयों से अभिनंदन

करता हूं। आप धर्म के ध्वजवाहक हैं। आप समाज नेकी पर चलने का रास्ता दिखाते हैं और

ऐसा संतों का महाकुंभ सोनीपत की धरा पर पहली बार हो रहा है। इसके लिए मैं अपने आप को

गौरवशाली महसूस करता हूं। आप संतो के आशीर्वाद से पूरे भारत की रक्षा हो, गौ माता की

रक्षा हो, विश्व का कल्याण हो, मेरी आपके श्री चरणों में यही प्रार्थना है। इस सभा

में सभी भक्तजन बैठे हैं। मै आपके चरणों दास हूं। आपके श्री चरण पांडव कालीन स्वर्णप्रस्त

नगरी सोनीपत में आपके पड़े हैं यह धरती स्वर्ग सेसुंदरबनगईहै।

संत

समारोह की अध्यक्षता अयोध्या के हनुमानगढ़ी से ज्ञानदास महाराज ने की। हरिद्वार से

आए आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि विश्व के सभी सनातनियों को

एकजुटता के साथ अपनी विरासत, परम्पराओं और संस्कृति की रक्षा करनी है। सनातन का व्यापक

प्रचार प्रसार करना है। इन संतों की ओर से धर्म का यही है संदेश है कि मानवता को अपनाएं,

पूरा विश्व एक परिवार हैं। इसकी संतों ने सदा रक्षा सुरक्षा की है। संत शाश्वत सत्य

प्रभु को साक्षाी मानते हैं, हृदयों को शीतलता देने वाले होते हैं।

कुरुक्षेत्र

से गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा क एक बनें नेक बने इसके

लिए गीता अध्ययन भी करते रहें। समारोह में अयोध्या के हनुमानगढ़ी से ज्ञानदास महाराज,

महामंडलेश्वर प्रेमानंद गिरी महाराज, आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज, गोविंद

देव गिरी महाराज, वृंदावन से गुरु शरणानंद महाराज, पंचकूला से संपूर्णानंद ब्रह्मचारी

महाराज, पटौदी से स्वामी धर्मदेव महाराज, सोनीपत से स्वामी दिव्यानंद भिक्षु, हरिद्वार

से महामंडलेश्वर स्वामी अरुणदास महाराज, महामंडलेश्वर राघवेंद्र भारती महाराज, रोहतक

से स्वामी परम आनंद, तीर्थ पांडूपिडारा

जींद से पीाठाधीश्वर श्रीमहंत राजेश स्वरुप जी महाराज, पानीपत से दाऊजी महाराज, महंत

मुनि स्वामी भाले गिरी महाराज आदि संत शामिल रहे। हरियाणा

के खेल मंत्री गौरव गौतम, भाजपा के पूर्व सांसद रमेश कौशिक, हरिद्वार से पांच बार विधायक

रहे मदन कौशिक, भाजपा नेता देवेंद्र कौशिक, पूर्व मंत्री कविता जैन राजीव जैन, भूपेश्वर

गौड, पूर्व विधायक सुरेंद्र पंवार आदि ने संतों का आशीर्वाद लिया।

हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र परवाना

   

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