बांग्लादेश में हिंदू, सिख, जैन और बौद्धों के सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति को भेजा गया ज्ञापन

रामगढ़, 5 दिसंबर (हि.स.)।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, जैन और बौद्धों की सुरक्षा नहीं हो पा रही है। वहां लगातार इन धर्मों के लोगों पर हमले हो रहे हैं। धार्मिक गुरुओं की गिरफ्तारी की जा रही है। इस मुद्दे पर रामगढ़ जिले के नागरिकों ने गुरुवार को राष्ट्रपति के नाम डीसी चंदन कुमार को ज्ञापन सौंपा । इसमें रामगढ़ के नागरिकों ने पांच बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट कराया है। ज्ञापन में यह कहा गया है कि बांग्लादेश के हिंदुओं पर अत्याचार तत्काल बंद हो। इस्कॉन के सन्यासी चिन्मया कृष्ण दास को अन्याय पूर्ण कारावास से मुक्त करने का प्रयास होना चाहिए।

साथ ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर इस्लामी कंट्टरपंथी द्वारा किए जा रहे हमले अत्यंत चिंताजनक हैं। उन घटनाओं की रामगढ़ के नागरिक भर्त्सना करते हैं। वर्तमान बांग्लादेश की सरकार और अन्य एजेंसियां इस घृणित कार्य को रोकने के बजाय मूकदर्शक बनी हुई है। शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में हिंदुओं का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन के संयासी को सरकार के द्वारा कारावास भेजा जाना बेहद अन्याय पूर्ण है। रामगढ़ जिले के नागरिक भारत सरकार से मांग करते हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं तथा अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों पर अत्याचार को रोकने का प्रयास किया जाए। साथ ही वैश्विक अभिमत बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। इस महत्वपूर्ण समय में रामगढ़ जिला के सभी नागरिक बांग्लादेश के पीड़ितों के साथ खड़े हैं। साथ ही सरकार से शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रयास करने की मांग करते हैं। ज्ञापन सौंपने वालों में गौतम महतो, शत्रुघ्न प्रसाद, जन्मेजय प्रताप, राजकिशोर महतो, चंद्रर बहादुर सिंह, मनोज पोद्दार सहित कई लोग शामिल थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश

   

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