बीआरआई पर चीन ने नेपाल के प्रस्ताव को किया खारिज, कार्यान्वयन समझौता पर हस्ताक्षर नहीं

काठमांडू, 04 दिसंबर (हि.स.)। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के चीन भ्रमण के बाद दोनों देशों ने एक साझा वक्तव्य जारी किया है। इस वक्तव्य में बहुचर्चित बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव फ्रेमवर्क एग्रीमेंट को यथाशीघ्र करने की बात लिखी गई है। इसका अर्थ यह हुआ कि प्रधानमंत्री ओली के इस भ्रमण में बीआरआई के कार्यान्वयन समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना तत्काल के लिए समाप्त हो गई है।

प्रधानमंत्री का चीन भ्रमण पूरी तरीके से बीआरआई के कार्यान्वयन समझौते पर हस्ताक्षर और पोखरा विमानस्थल के निर्माण में लिए गए ऋण की माफी पर टिकी हुई थी। लेकिन दोनों में से एक पर भी चीन के राजी नहीं होने से फिलहाल मामला लटक गया है। नेपाल की मीडिया में इसे प्रधानमंत्री ओली और विदेश मंत्री डॉ आरजू राणा की कूटनीतिक विफलता बताया जा रहा है।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात और प्रधानमंत्री ली कियांग के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान तो इन मुद्दों की कोई चर्चा नहीं हुई। इन दोनों ही मुलाकातों के बाद दोनों पक्ष के तरफ से जारी अलग-अलग बयान में कहीं भी बीआरआई और पोखरा एयरपोर्ट को लेकर कोई भी जिक्र नहीं किया गया है।

मंगलवार को देर रात दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के तरफ से जारी संयुक्त वकतव्य में बीआरआई के फ्रेमवर्क पर प्रतिबद्धता जताते हुए यथाशीघ्र हस्ताक्षर करने की बात कही गई है। इसके अलावा नेपाल के तरफ से प्रस्तावित अन्य परियोजनाओं को भी संयुक्त वकतव्य में स्थान तो दिया गया है लेकिन उनके एक भी नया कुछ नहीं है। जिन परियोजनाओं का जिक्र संयुक्त वकतव्य में रखा गया है वो 2017 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेपाल दौरे के समय भी रखा गया था।

चीन के तरफ से नेपाल को 9 अरब रुपये का अनुदान देने की घोषणा फिर से की है। लेकिन नेपाल में यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के नेपाल भ्रमण के दौरान घोषणा किए गए 56 अरब रुपये का अब तक कोई खोज खबर नहीं है। ऐसे में एक बार फिर से घोषणा किए गए 9 अरब रुपये की घोषणा के कोई मायने नहीं है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

   

सम्बंधित खबर