छोटी आयु के बच्चों ने धर्म और राष्ट्रहित में श्रेष्ठ कार्य किया है : श्रीप्रकाश
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- Dec 01, 2024
सुल्तानपुर, 1 दिसंबर (हि.स.)। इतिहास में अनेकों उदाहरण हैं कि छोटी आयु के बच्चों ने धर्म और राष्ट्रहित में श्रेष्ठ कार्य किया है। आवश्यकता पड़ने पर बलिदान देने में पीछे नहीं रहे। ध्रुव, प्रह्लाद, लव-कुश, जोरावर सिंह, फतेह सिंह आदि अनेकों उदाहरण हैं। संघ ऐसे ही सद्गुणों का विकास करता है। संघ अपनी कार्यपद्धति के माध्यम से शारीरिक और बौद्धिक सम्पन्न व्यक्ति का निर्माण करता है जो धर्म और राष्ट्र की रक्षा तथा असंगठित हिंदू समाज को संगठित करने का कार्य करेंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुशभवनपुर (सुल्तानपुर नगर) द्वारा सरस्वती विद्या मंदिर विवेकानंद नगर में दो दिवसीय बाल शिविर का आयोजन किया गया। रविवार को समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विभाग प्रचारक श्री प्रकाश ने यह बातें कही। उन्होंने कहा कि प्रारंभ में सन 1925 में संघ संस्थापक डॉ0 केशवराव बलिराम हेडगेवार ने छोटे छोटे 5 बच्चों को लेकर नागपुर के मोहिते के बाड़ा में संघ की शाखा शुरू की थी।
उन्होंने कहा कि संघ की प्रतिदिन लगने वाली शाखा में भी इन्हीं सद्गुणों का विकास होता है। बालमन में निस्वार्थ भाव से देश के प्रति भक्ति और प्रेम तथा सम्मान का भाव जगाता है ऐसा बालशिविर। यह धरती हमारे लिए केवल एक टुकड़ा नहीं है बल्कि हमारी मां है और हम नित्य शाखा में बोलते हैं भारत माता की जय। श्रीप्रकाश ने आग्रह किया कि शिविर देखने से सामान्य लगता है किंतु शिविर में होने वाले योग, व्यायाम, खेल, छोटी छोटी बातें हमारे उत्तम जीवन शैली का निर्माण करती हैं। हम सबने जो बातें शिविर में सीखी हैं, उन्हें जीवन में उतारें। नित्य शाखा आएं और एक अच्छा स्वयंसेवक बनकर राष्ट्रनिर्माण और धर्मरक्षा में आगे आएं। अच्छी पढ़ाई करते हुए अच्छे नागरिक बनें। यही एक संघ के स्वयं सेवक की पहचान है।
अध्यक्षता कर रही प्रो0 डॉ0 सुपर्णा (प्रोफेसर, राजकीय मेडिकल कॉलेज सुल्तानपुर) ने कहा कि संघ के कार्यक्रम और शिविर तथा प्रशिक्षण जीवन में अनुशासन एवं देशभक्ति, राष्ट्रनिर्माण और भारतीय संस्कृति के बारे में सिखाता है।
हिन्दुस्थान समाचार / दयाशंकर गुप्ता