16वें वित्त आयोग और सिक्किम सरकार के बीच बैठक संपन्न

— सिक्किम को भारत की हरित राजधानी के रूप में विकसित करने का लक्ष्य: मुख्यमंत्री— सिक्किम भारत के लिए गौरव का स्रोत : आयोग अध्यक्षगंगटोक, 20 जनवरी (हि.स.)। भारत के 16वें वित्त आयोग ने सोमवार को राजधानी गंगटोक स्थित टाशीलिंग सचिवालय के सम्मेलन कक्ष में सिक्किम सरकार के साथ बैठक की। बैठक में वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया और आयोग के अन्य सदस्य, मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, मंत्रीगण तथा सिक्किम सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री तमांग ने अपने संबोधन में आयोग के अध्यक्ष सहित सदस्यों का सिक्किम में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सिक्किम भारत का सबसे एकीकृत लेकिन सबसे कम जुड़ा हुआ राज्य है, जिसका देश में प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक है और इसे भारत में सबसे शांतिपूर्ण सीमावर्ती राज्य के रूप में जाना जाता है। उन्होंने सिक्किम को भारत की हरित राजधानी के रूप में विकसित करने के अपने दृष्टिकोण के बारे में बताया। उनले कम आबादी वाले इस छोटे राज्य के समक्ष आने वाली बाधाओं को दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने अध्यक्ष को सिक्किम नीति आयोग की स्थापना के बारे में जानकारी दी जिसका उद्देश्य विकसित भारत 2047 के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप सिक्किम विजन 2047 के लिए योजनाएं तैयार करना है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सिक्किम में बिताया गया समय आयोग के लिए छोटे भू-क्षेत्र और छोटी जनसंख्या वाले सीमावर्ती राज्य के समक्ष आने वाली चुनौतियों को समझने में उपयोगी सिद्ध होगा।

आयोग के अध्यक्ष डॉ. पनगढ़िया ने सिक्किम राज्य की 50वीं स्थापना के अवसर पर मुख्यमंत्री को बधाई दी और सिक्किम को भारत के लिए गौरव का स्रोत बताया। उन्होंने संभावना व्यक्त की कि सिक्किम की उच्च प्रति व्यक्ति आय की उपलब्धि को देखते हुए, सिक्किम 2047 के लिए निर्धारित लक्ष्य से पहले ही विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि सिक्किम नीति आयोग केवल 2047 पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय विजन 2035 तैयार करे, क्योंकि यह एक यथार्थवादी और प्राप्त करने योग्य उद्देश्य प्रस्तुत करता है।

अध्यक्ष पनगढ़िया ने 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद से भारत की उल्लेखनीय वृद्धि के प्रति आशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सुधार के बाद के दौर में पूर्वोत्तर क्षेत्र अपेक्षाकृत उपेक्षित रहा है और प्रधानमंत्री ने अब पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ विशेष बैठकें करके पूर्वोत्तर को प्राथमिकता दी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस क्षेत्र के समक्ष आने वाली कुछ समस्याओं का अगले पांच वर्षों में सफलतापूर्वक समाधान कर लिया जाएगा।

बैठक में आयोग के सदस्यों और सिक्किम सरकार के अधिकारियों के बीच एक बातचीत सत्र भी संपन्न किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / Bishal Gurung

   

सम्बंधित खबर