चंडीगढ़, 20 नवंबर (हि.स.)। पंजाब में लगातार बिखराव की तरफ बढ़ रहे शिरोमणि अकाली दल को आज उस समय बड़ा झटका लगा जब पूर्व मंत्री अनिल जोशी ने अकाली दल की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। जोशी ने अपना इस्तीफा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ को भेजा है।
जोशी मूल रूप से भाजपा के नेता रहे हैं। इस समय वह अकाली दल के उपाध्यक्ष के पद पर थे। जोशी ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों के विरोध में आवाज उठाई थी। जिसके चलते पार्टी ने वर्ष 2021 में उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। इसके बाद अनिल जोशी शिरोमणि अकाली दल में शामिल हुए और अकाली दल की टिकट पर विधानसभा व लोकसभा चुनाव लड़े।
बलविंदर सिंह भूंदड़ को भेजे गए इस्तीफे में जोशी ने लिखा कि वह प्रकाश सिंह बादल को पंजाब की एकता, अखंडता और आपसी भाईचारे के प्रतीक मानते थे। उनकी धर्मनिरपेक्ष सोच और पंजाब के विकास की विचारधारा से प्रेरित होकर उन्होंने एसएडी में शामिल होने का फैसला किया। पिछले कुछ समय से पार्टी ने असली मुद्दों को उठाना बंद कर दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी केवल सांप्रदायिक राजनीति और धर्म आधारित एजेंडे तक सिमट गई है। ऐसा लगता है कि शिरोमणि अकाली दल केवल धर्म और सांप्रदायिक एजेंडे में शामिल है। मैं इस सांप्रदायिक राजनीति में अपने लिए कोई जगह नहीं देखता। जोशी ने पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की कार्यशैली पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद पार्टी की स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा