किराए पर गाड़ियां लेकर नशा तस्करों को बेचने वाली गैंग के पांच बदमाश गिरफ्तार

जयपुर, 10 अप्रैल (हि.स.)। करधनी थाना पुलिस और जिला स्पेशल टीम (डीएसटी) जयपुर पश्चिम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए किराए पर गाड़ियां लेकर नशा तस्करों के बेचने वाली गैंग के पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से किराए पर ली गई स्कॉर्पियो व थार जीप बरामद की है। पुलिस की प्रारम्भिक पूछताछ में अजमेर जेल से योजना कर गाड़ियों की खरीद-फरोख्त करना सामने आया है। पुलिस पूछताछ कर गैंग के फरार साथियों की जानकारी जुटा रही है।

पुलिस उपायुक्त जयपुर (पश्चिम) अमित कुमार ने बताया कि करधनी थाना पुलिस और (डीएसटी) जयपुर पश्चिम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए किराए पर गाड़ियां लेकर नशा तस्करों के बेचने वाली गैंग के आरोपित मनीष यादव (24) निवासी बहरोड-कोटपूतली, रामलाल (60) निवासी सरदार शहर जिला चुरू, अंशु सिंह (26) निवासी मांण्डल जिला बहरोड-कोटपूतली, कर्मवीर सिंह उर्फ मोनू बन्ना (33) निवासी मांण्डल जिला बहरोड-कोटपूतली और विजय कुमार उर्फ बिज्जु साहवा (44) निवासी सावा जिला चूरू को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित विजय कुमार उर्फ बिज्जु साहवा के खिलाफ 11 और अंशु सिंह के खिलाफ 6 आपराधिक मामले दर्ज है। गिरफ्तार आरोपितों के कब्जे से किराए पर लेकर बेची गई स्कॉर्पियो व थार जीप बरामद की गई है।

थानाधिकारी सवाई सिंह ने बताया कि थाने में 9 मार्च को राजेन्द्र सिंह ने मामला दर्ज करवाया था कि उसका जानकार रवि गुर्जर किसी काम के लिए उससे स्कॉर्पियो लेकर गया था। रवि गुर्जर से उसका जानकार मोहित सोनी व संदीप यादव शादी में जाने की बोल कर स्कॉर्पियो सीकर लेकर गए थे। जिन्होंने स्कॉर्पियो नहीं लौटाई और जीपीएस चेक करने पर बंद आ रहा है। पुलिस जांच में सामने आया कि मोहित सोनी ने स्कॉर्पियो व थार किराए पर मनीष यादव को दी है। उसकी आईडी फेक होने के साथ ही मोबाइल बंद आ रहा है। पुलिस ने किराए पर कार लेने वाले मनीष यादव की तलाश शुरू की। सीसीटीवी फुटेज व मुखबिर की सूचना पर दबिश देकर आरोपित मनीष यादव को धर-दबोचा। जहां पूछताछ में मनीष यादव से सामने आया कि हत्या के मामले में अलवर जेल में बंद जयंत यादव उसका जानकार है। कुछ दिन पहले जेल में मुलाकात हो जाने पर जयंत यादव ने कहा था कि उसका कोई दोस्त आएगा। इसके साथ उसे जयपुर से किराए की कार लेनी है। फेक आईडी की व्यवस्था में कर देगा। बस उसे उसके साथ जाकर दो गाड़ी लेने की व्यवस्था करनी है। इसके बाद जयपुर आकर मोहित से मिलकर थार और स्कॉर्पियो किराए पर लेने की बात की। अजमेर जेल में बंद जयंत की ओर से भिजवाई आईडी देकर थार और स्कॉर्पियो किराए पर ली। जयंत के भेजे लड़के ने वॉट्सऐप कॉल पर बात की और उसके बाद वह दोनों गाड़ियां लेकर चला गया। जहां जयंत के कहने पर सीकर के पास दोनों गाड़ियां उसके साथी अंशु सिंह व कर्मवीर सिंह को देकर आ गया। पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई कर अंशु सिंह व कर्मवीर सिंह की जानकारी जुटाई। पुलिस टीम ने दबिश देकर दोनों आरोपित अंशु सिंह व कर्मवीर सिंह को धर-दबोचा। पूछताछ में आरोपित अंशु सिंह से सामने आया कि एनडीपीएस के मामले में अलवर जेल में बंद होने के दौरान उसकी मुलाकात जयंत से हुई थी। जमानत व अन्य खर्चों के लिए रुपयों की व्यवस्था के लिए फेक आईडी से गाड़ी लेकर बेचने की योजना बनाई। कुछ दिन बाद उसकी जमानत हो गई। योजना के अनुसार साथी कर्मवीर सिंह, भैरव बन्ना उर्फ भुरू बन्ना व उसके दो दोस्त मिले। जयंत की ओर से भेजे लड़कों से स्कॉर्पियो और थार जीप ली। विजय साहवा को थार जीप 1.90 लाख और स्कॉर्पियो 2.90 लाख रुपये में दे दी। दोनों गाड़ियों को बेचने पर आए कुल 4.80 लाख रुपये में से 3.90 लाख रुपये जयंत के कहे अनुसार उसके भेजे लड़कों को दे दिए। पुलिस टीम ने विजय साहवा का नाम सामने आने पर दबिश देकर उसे पकड़ लिया। आरोपित विजय साहवा के कब्जे से स्कॉर्पियो बरामद की गई, उसके ओर से रामलाल को बेची गई थार को भी बरामद कर लिया गया। आरोपित विजय साहवा किराए पर आई गाड़ियों को खरीदकर मोटे दाम में नशा तस्करों को डिलीवरी देता था। गाड़ियों को बेचने से आए पैसों को आपस में बाटा जाता। पुलिस पूछताछ में और भी कई वारदाते खुलने की आशंका जताई जा रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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