विभिन्न प्रदेशों की शिल्प कला व कलाकारी ने महोत्सव की फिजा में भरा इंद्रधनुष का रंग 

चंडीगढ़, 4 दिसंबर (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में 15 दिसंबर 2024 तक चलने वाले सरस और क्राफ्ट मेले में आने वाले पर्यटकों को इस बार अनोखी शिल्पकला देखने को मिल रही है और यहां पर आने वाले सभी पर्यटक इन सभी शिल्पकारों की शिल्पकला से निर्मित वस्तुओं की जमकर खरीदारी कर रहे हैं।अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मसरोवर का तट शिल्पकारों की शिल्पकला से सज चुका है।

इस शिल्पकला को देखने वाले दूसरे प्रदेशों के पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी इन शिल्पकला को देखकर हैरान हो रहे हैं। इस महोत्सव में शिल्पकारों की अविश्वसनीय शिल्पकला और हाथ की कारीगरी ने ब्रह्मसरोवर के तट पर लगने वाले सरस और क्राफ्ट मेले की फिजा में इंद्रधनुष के सातों रंगों को एक सूत्र में पिरो कर भरने का काम किया है, जिससे यहां पर आने वाला प्रत्येक व्यक्ति इस महोत्सव की जमकर प्रशंसा कर रहे हैं।

महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र-धर्मक्षेत्र की पावन धरा पर आने वाला प्रत्येक पर्यटक इस महोत्सव का भरपूर आनंद ले रहा है। इस महोत्सव में जहां एक ओर शिल्पकार अपनी शिल्पकला से महोत्सव में चार चांद लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ब्रह्मसरोवर के तट पर पर्यटकों के मनोरंजन के लिए एनजेडसीसी की तरफ से बहरूपिए लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं और सभी स्थानीय और दूर-दराज से आने वाले पर्यटक इन बहरूपियों के साथ सेल्फी लेकर इस अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का लुफ्त उठा रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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