शिमला : 54 साल बाद शांत महायज्ञ शुरू, देव संस्कृति के रंग में रंगा झड़ग गांव
- Admin Admin
- Dec 05, 2025
शिमला, 05 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश की समृद्ध और प्राचीन देव संस्कृति को फिर से जीवंत करने वाला ऐतिहासिक आयोजन शुक्रवार को जिला शिमला की जुब्बल तहसील के झड़ग गांव में शुरू हुआ। गांव में लंबे समय बाद आयोजित किया जा रहा तीन दिवसीय शांत महायज्ञ बड़ी श्रद्धा और पारंपरिक विधि-विधान के साथ आरंभ हुआ। 54 साल के अंतराल के बाद हो रहे इस धार्मिक आयोजन को लेकर क्षेत्र में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है।
महायज्ञ की शुरुआत नागेश्वर जी महाराज के मंदिर में पूजा-अर्चना और देव विधि के साथ की गई। प्रदेश और क्षेत्र की सुख-शांति, समृद्धि और आपदाओं से मुक्ति की कामना के लिए आयोजित इस महायज्ञ में दूर-दूर से लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। जब देवताओं के दल (देवलू) झड़ग गांव पहुंचे, तो स्थानीय लोगों ने ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक अनुष्ठानों के साथ उनका जोरदार स्वागत किया। पूरा गांव देव संस्कृति की ध्वनियों, जयघोष और लोक उत्साह से गूंज उठा।
नागेश्वर देवता के कारदार और स्थानीय प्रतिनिधियों ने बताया कि 54 वर्षों बाद शांत महायज्ञ का आयोजन पूरे मान-सम्मान, परंपरा और आस्था के साथ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देव संस्कृति और सामूहिक भागीदारी ही हिमाचल को देवभूमि की पहचान दिलाती है। हिमाचल की पुरातन संस्कृति, देवी-देवताओं में अटूट विश्वास और लोक आस्था इस प्रदेश की सबसे बड़ी शक्ति है, और ऐसे आयोजन इसे और भी मजबूत करते हैं।
गांव में तीन दिन तक धार्मिक अनुष्ठान, देव दर्शन, हवन, पारंपरिक रीति-रिवाज और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। स्थानीय लोग इस महायज्ञ को शुभ और ऐतिहासिक बताते हुए पूरे उत्साह से शामिल हो रहे हैं। आयोजन को लेकर गांव में उत्सव जैसा माहौल है और हर तरफ भक्ति और सांस्कृतिक रंग देखने को मिल रहा है।
झड़ग गांव का यह आयोजन न केवल देव संस्कृति को पुनर्जीवित कर रहा है, बल्कि सामुदायिक एकजुटता और लोक भावनाओं को भी मजबूत कर रहा है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा



