पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर जताई चिंता

शिमला, 01 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या, घरों को जलाने और महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाओं ने भारत और पूरे विश्व को स्तब्ध कर दिया है।

शांता कुमार ने रविवार काे एक बयान में कहा कि भारत एक हिंदू बहुसंख्यक देश है, जहां करोड़ों मुसलमान सुरक्षित रहते हैं। लेकिन बांग्लादेश, जो मुस्लिम बहुसंख्यक देश है, वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। यह न केवल अमानवीय है, बल्कि यह धार्मिक सहिष्णुता के सिद्धांतों के भी खिलाफ है।

उन्होंने स्वामी विवेकानंद के 1893 के शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन के ऐतिहासिक भाषण का हवाला देते हुए कहा कि जिस प्रकार अलग-अलग नदियां अलग-अलग रास्तों से होकर एक ही समुद्र में मिलती हैं, उसी प्रकार हर धर्म अलग रास्ते से ईश्वर तक पहुंचता है। रास्ते अलग हो सकते हैं, लेकिन मंजिल एक है। इस पर विवाद करना नासमझी ही नहीं, बल्कि पागलपन है।

शांता कुमार ने सुझाव दिया कि भारत के प्रमुख मुस्लिम नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बांग्लादेश जाकर वहां के मुसलमानों से संवाद करे। उन्होंने कहा कि भारत में हिंदू बहुसंख्यक मुसलमानों के साथ जिस तरह सद्भावना और सम्मान का व्यवहार करते हैं, वैसे ही बांग्लादेश के बहुसंख्यक मुसलमानों को भी हिंदुओं के साथ व्यवहार करना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत के मुस्लिम भाई यह कदम उठाते हैं, तो इससे दुनिया को एक नया संदेश मिलेगा। भारत के मुसलमान देशभक्त हैं। आजादी की लड़ाई में अशफाक उल्ला खां जैसे कई मुस्लिम युवाओं ने फांसी के फंदे को गले लगाया था। शांता कुमार ने भारत के मुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए कहा कि इस पहल को स्वीकार करें और एक नया इतिहास रचें।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

   

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