समाचार लेखन और रिपोर्टिंग पर दो दिवसीय कार्यशाला का गुरुकुल में आयोजन

हरिद्वार, 21 अक्टूबर (हि.स.)। हिन्दी विभाग, कन्या गुरुकुल परिसर में समाचार लेखन और रिपोर्टिंग पर दो दिवसीय कार्यशाला का आज शुभारम्भ हुआ। हिन्दी विभाग में यूजीसी के दिशा-निर्देशों पर एनईपी पाठ्यक्रम में स्नातक स्तर पर कौशल विकास पर बल देते हुए एक नूतन प्रश्न पत्र समाचार लेखन और रिपोर्टिंग का जोड़ा गया है।

प्रथम दिवस के अवसर पर उद्घाटन सत्र में कार्यशाला की उपयोगिता और आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. मृदुल जोशी ने कहा कि छात्रों को व्यवहारिक प्रशिक्षण और प्रयोगात्मक समझ देने के उद्देश्य से इस दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है ताकि छात्राओं को सैद्धान्तिक ज्ञान के साथ-साथ प्रयोगात्मक ज्ञान भी प्राप्त हो सके। प्रो. जोशी ने छात्राओं से आह्वाहन किया वे शंका-समाधान के लिए कार्यशाला में उत्साहपूर्वक प्रतिभाग करे।

कार्यशाला के प्रथम दिवस पर वरिष्ठ पत्रकार और प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने कहा कि समाचार लेखन के लिए समाचार दृष्टि होनी चाहिए यह पत्रकारिता की प्राथमिक एवं बुनियादी मांग है। डॉ. उपाध्याय ने उद्धरणों के माध्यम से समाचार दृष्टि और समाचार लेखन के बारे में छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि सूचना-संसार की दुनिया बहुत गतिशील है और बहुत से स्रोतों से हमे अपुष्ट खबरें मिलती हैं। एक योग्य रिपोर्टर को सबसे पहले समाचार की प्रमाणिकता की पुष्टि करनी चाहिए। डॉ. उपाध्याय ने प्रदत्त कार्य के माध्यम समाचार लेखन के विभिन्न पक्षों का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण छात्राओं को देते हुए समाचार लेखन की बारीकियों से छात्रों को अवगत कराया।

कार्यशाला में विषय प्रवर्तन डॉ. अजित तोमर ने करते हुए कहा कि शिक्षा को रोजपरक बनाने के उद्देश्य से कौशल आधारित शिक्षा पाठ्यक्रम का अंग बनाई गई है तथा यह कार्यशाला विद्यार्थियों को समाचार लेखन के बुनियादी कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित की गई है। जिसका लाभ सभी छात्राओं को होगा प्रश्नोत्तर सत्र में छात्राओं की समाचार लेखन और रिपोर्टिंग समबन्धित जिज्ञासाओं और शंकाओं का समाधान किया गया।

इस अवसर पर डॉ. निशा शर्मा, डॉ. हरप्रीत कौर, शोध छात्राओं आँचल सैनी, रीना नौटियाल, अंजलि सहित स्नातक और स्नातकोत्तर की छात्राएँ उपस्थित रही।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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