शालू सैनी ने रचा इतिहास, लावारिसों की वारिस के नाम से छाईं, एक साथ 250 अस्थियां गंगा में की विसर्जित

हरिद्वार, 18 अगस्त (हि.स.)। समूचे प्रदेश एवं पड़ोसी राज्यों में लावारिसों की वारिस के नाम से प्रसिद्ध क्रांतिकारी शालू सैनी ने एक साथ लगभग ढाई सौ अस्थियों का विसर्जन हरिद्वार में किया है, जो आज तक किसी भी महिला ने नहीं किया है।

कोरोना काल के दौरान जहां अपने ही अपनों से दूर भाग रहे थे तो इन परिस्थितियों में क्रांतिकारी शालू सैनी ने अपनी जान पर दांव खेलकर शवों का अंतिम संस्कार किया था। इसके बाद से क्रांतिकारी शालू सैनी लावारिसों की वारिस के नाम से प्रसिद्ध हो गई। जनपद के साथ पड़ोसी जनपदों एवं राज्यो में वर्ष 2019 से क्रांतिकारी शालू सैनी ने मिथक तोड़ तन-मन-धन एवं निस्वार्थ भाव से समाजसेवा शुरू की थी। आज हर आम व खास की जुबां पर लावारिसों की वारिस के नाम से छाई हुई हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि कोई भी उनकी इस सेवा में उन्हें अपनी सहायता प्रदान कर सकता है। रविवार को शालू सैनी ने करीब 250 लोगों की अस्थियों को कनखल स्थित सतीघाट पर वैदिक विधि से गंगा में विसर्जित किया।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला / कमलेश्वर शरण

   

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